यूरोपियन देश खत्म करेंगे अमेरिका पर से अपनी निर्भरता !

 यूरोप खत्म करेगा अमेरिका पर निर्भरता: नई भू-राजनीतिक रणनीति की ओर कदम

यूरोपियन देश खत्म करेंगे अमेरिका पर से अपनी निर्भरता !


           बदलते वैश्विक परिदृश्य में यूरोप अपनी रणनीतिक और आर्थिक नीतियों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। दशकों से अमेरिका पर रक्षा और आर्थिक सहयोग के लिए निर्भर रहने वाला यूरोप अब आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

नाटो पर निर्भरता में कमी:-

        यूरोपीय संघ (EU) के कई देश अब सुरक्षा के लिए पूरी तरह नाटो (NATO) पर निर्भर रहने के बजाय अपनी स्वतंत्र रक्षा क्षमताओं को विकसित करने पर जोर दे रहे हैं। फ्रांस और जर्मनी जैसे प्रमुख देश एक संयुक्त यूरोपीय रक्षा प्रणाली की वकालत कर रहे हैं, जिससे महाद्वीप को अमेरिकी सैन्य शक्ति पर कम निर्भर रहना पड़े।

रूस-यूक्रेन युद्ध और नई रणनीति:-

रूस-यूक्रेन युद्ध ने यूरोप के रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में कमजोरी को उजागर कर दिया। अमेरिका द्वारा हथियारों और ऊर्जा आपूर्ति में की गई सहायता के बावजूद, यूरोपीय देश अब अपनी ऊर्जा सुरक्षा और सैन्य उत्पादन को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं। यूरोपीय रक्षा कोष (EDF) और स्थायी संरचित सहयोग (PESCO) जैसी पहलें इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं।

डॉलर पर निर्भरता कम करने की योजना:-

          यूरोपीय देश अब डॉलर की जगह यूरो और अन्य वैकल्पिक मुद्राओं में व्यापार करने की रणनीति बना रहे हैं। ब्रिक्स (BRICS) देशों की तर्ज पर यूरोप भी अमेरिकी वित्तीय प्रणाली से स्वतंत्र होने की कोशिश कर रहा है। चीन और रूस के साथ व्यापारिक संबंधों को संतुलित करते हुए, यूरोप अपनी आर्थिक नीतियों में विविधता लाने पर ध्यान दे रहा है।

तकनीकी और औद्योगिक आत्मनिर्भरता:-

                         यूरोपीय संघ अब सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अमेरिका और एशियाई देशों पर निर्भरता कम करने की योजना बना रहा है। यूरोपियन चिप एक्ट (European Chips Act) के तहत, यूरोप अपनी खुद की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को मजबूत करने के लिए अरबों यूरो का निवेश कर रहा है।

क्या अमेरिका-यूरोप संबंध कमजोर होंगे?

                  हालांकि अमेरिका और यूरोप के बीच संबंधों में दूरियां बढ़ रही हैं, लेकिन यह पूरी तरह से अलगाव की ओर नहीं बढ़ रहा। दोनों पक्ष रक्षा, व्यापार और कूटनीति में सहयोग बनाए रखेंगे, लेकिन यूरोप अब अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता को प्राथमिकता देगा।

निष्कर्ष :-

                  यूरोप का अमेरिका से धीरे-धीरे दूर होना न केवल वैश्विक शक्ति संतुलन को प्रभावित करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में भी नए समीकरण बनाएगा। आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यूरोप कितनी सफलतापूर्वक अपनी स्वतंत्रता की राह पर आगे बढ़ पाता है।


BY- WORLD HEADLINES

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