भारत का रक्षा निर्यात 2024-25 में ₹23,622 करोड़ के पार: मेक इन इंडिया की बड़ी सफलता

 भारत का रक्षा निर्यात 2024-25 में ₹23,622 करोड़ के नए रिकॉर्ड पर, 10 साल में 12 गुना वृद्धि

भारत का रक्षा निर्यात 2024-25 में ₹23,622 करोड़ के पार: मेक इन इंडिया की बड़ी सफलता


WORLD HEADLINES | रक्षा & रणनीति | 3 अप्रैल 2025

नई दिल्ली: भारत के रक्षा निर्यात ने वित्त वर्ष 2024-25 में ₹23,622 करोड़ तक पहुंचकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है। यह 2023-24 के ₹16,000 करोड़ की तुलना में 47% की वृद्धि दर्शाता है। पिछले 10 वर्षों में भारत के रक्षा निर्यात में 12 गुना वृद्धि हुई है, जो देश की आत्मनिर्भरता और वैश्विक रक्षा बाजार में उसकी मजबूत पकड़ को दर्शाता है।

भारत के रक्षा निर्यात की ऐतिहासिक प्रगति

भारत का रक्षा निर्यात पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है। सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न सुधारात्मक कदमों और 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने से यह संभव हुआ है।

भारत का रक्षा निर्यात 2024-25 में ₹23,622 करोड़ के पार: मेक इन इंडिया की बड़ी सफलता

रक्षा निर्यात बढ़ने के पीछे प्रमुख कारण:-

सरकारी नीतियां और सुधार:

  • 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा।
  • 'डिफेंस एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी' लागू की गई, जिससे निर्यातकों को सहूलियत मिली।
  • 2024 में 3 ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (OGEL) जारी किए गए।

निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी:

  • रक्षा निर्यात में निजी कंपनियों का योगदान 60% तक पहुंच गया है।
  • FDI सीमा 74% कर दी गई है, जिससे विदेशी निवेशकों को निवेश करने में आसानी हुई।

वैश्विक स्तर पर भारत की साख:

  • भारतीय रक्षा उत्पादों की गुणवत्ता और लागत-प्रभावी डिजाइन की वजह से कई देश इन्हें प्राथमिकता दे रहे हैं।
  • विभिन्न देशों के साथ रणनीतिक रक्षा समझौते किए गए, जिससे निर्यात बढ़ा है।

भारत किन देशों को रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है?

भारत ने 85+ देशों को अपने रक्षा उत्पाद निर्यात किए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से अमेरिका, ब्राजील, इंडोनेशिया, फिलीपींस, UAE, वियतनाम, सऊदी अरब और अफ्रीकी देश शामिल हैं।

रक्षा निर्यात में भारत के प्रमुख उत्पाद

  • तेजस फाइटर जेट – हल्का लड़ाकू विमान, जिसकी कई देशों में मांग।
  • ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल – फिलीपींस और अन्य देशों ने ऑर्डर किए।
  • अकाश मिसाइल सिस्टम – सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल।
  • पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर – भारतीय सेना में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक रॉकेट प्रणाली।
  • स्वदेशी ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम – कई देशों द्वारा ऑर्डर किए गए।
  • रक्षा संचार उपकरण और नाइट विजन डिवाइसेस – वैश्विक स्तर पर इनकी मांग बढ़ी है।

भविष्य की रणनीति और लक्ष्य:-

भारत सरकार का लक्ष्य 2028 तक रक्षा निर्यात को ₹35,000 करोड़ तक पहुंचाने का है।

  • नए रक्षा कॉरिडोर – उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों का तेजी से विकास।
  • रक्षा स्टार्टअप्स को बढ़ावा – नवाचार को प्राथमिकता।
  • नए रक्षा उत्पादन संयंत्र – सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी।
  • रणनीतिक साझेदारियां – मित्र देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा।

भारत का रक्षा निर्यात अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है और यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यही रफ्तार जारी रही, तो भारत 2030 तक दुनिया के शीर्ष रक्षा निर्यातकों में शामिल हो सकता है।

WORLD HEADLINES पर बने रहें, ताज़ा और विश्वसनीय खबरों के लिए! 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.