प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा ऐलान: पिछले 8 वर्षों में 1,100 करोड़ क्यूबिक मीटर जल का संरक्षण

 पिछले सात-आठ वर्षों में 1,100 करोड़ क्यूबिक मीटर जल का संरक्षण: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा ऐलान: पिछले 8 वर्षों में 1,100 करोड़ क्यूबिक मीटर जल का संरक्षण


नई दिल्ली, 31 मार्च 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण को लेकर सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि बीते सात-आठ वर्षों में देश में 1,100 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी संरक्षित किया गया है। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को जल प्रबंधन और सतत विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जल ही जीवन है। हमने जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाकर कई योजनाएं लागू कीं, जिनके परिणामस्वरूप यह ऐतिहासिक जल संरक्षण संभव हो सका है। अब समय आ गया है कि जल को बचाने के लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।"


भारत में जल संरक्षण की ऐतिहासिक उपलब्धि

प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं और जनभागीदारी के कारण जल संरक्षण के ये असाधारण आंकड़े सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से देश ने जल संकट की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है।

सरकार की प्रमुख जल संरक्षण योजनाएं

पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने जल संरक्षण और जल प्रबंधन को लेकर कई प्रभावी कदम उठाए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

जल जीवन मिशन – ग्रामीण भारत में हर घर को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
अटल भूजल योजना – भूजल स्तर सुधारने और जल संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देना।
नमामि गंगे मिशन – गंगा नदी और अन्य सहायक नदियों को स्वच्छ और पुनर्जीवित करना।
कैच द रेन अभियान – वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाना।
कृषि जल प्रबंधन योजना – किसानों को जल प्रबंधन तकनीकों के प्रति जागरूक करना और सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देना।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के तहत जल संरक्षण के प्रयासों में उल्लेखनीय सफलता मिली है और करोड़ों लोगों को इनसे सीधा लाभ हुआ है।


जनभागीदारी: जल संरक्षण की कुंजी

प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण को केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित न रखते हुए इसे जनआंदोलन बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा,

"जल संकट से निपटने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। हर व्यक्ति, हर परिवार और हर संस्था को जल बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए। जल की बर्बादी को रोकना और पारंपरिक जल संरक्षण पद्धतियों को अपनाना आज की आवश्यकता है।"

उन्होंने ग्राम पंचायतों, नगर निगमों और निजी संगठनों से आह्वान किया कि वे जल संरक्षण अभियानों में सक्रिय भागीदारी करें और इसे एक सामूहिक प्रयास बनाएं।


भविष्य की योजनाएं और जल सुरक्षा का रोडमैप

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर सरकार का विज़न दीर्घकालिक है। उन्होंने कहा कि "2047 तक भारत को जल-सुरक्षित राष्ट्र बनाने के लिए कई नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है।" सरकार सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है।

आने वाले वर्षों में, निम्नलिखित क्षेत्रों में जल प्रबंधन को लेकर विशेष प्रयास किए जाएंगे:
नदियों का पुनर्जीवन और जलाशयों का विकास
औद्योगिक जल उपयोग को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणाली
जल संरक्षण से जुड़े अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन


निष्कर्ष: जल बचाने का संकल्प लें

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल संरक्षण न केवल पर्यावरणीय आवश्यकता है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक समृद्धि के लिए भी अनिवार्य है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे जल संरक्षण की दिशा में जागरूकता बढ़ाएं और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

"अगर हम आज पानी बचाएंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह जिम्मेदारी हम सभी की है कि जल का सम्मान करें और इसे सहेजकर रखें।"

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