भारत की अमर संस्कृति का अक्षय वट है आरएसएस: प्रधानमंत्री मोदी

 भारत की अमर संस्कृति का अक्षय वट है आरएसएस: प्रधानमंत्री मोदी

भारत की अमर संस्कृति का अक्षय वट है आरएसएस: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 31 मार्च 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की राष्ट्र निर्माण में भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन भारत की अमर संस्कृति का अक्षय वट है। उन्होंने यह टिप्पणी दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान की, जहां संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों, समाजसेवियों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।

संघ का योगदान: प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आरएसएस ने दशकों से भारतीय समाज को एकजुट करने और सांस्कृतिक मूल्यों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा,

"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल एक संगठन नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्रवाद का एक सशक्त आधार है। यह संगठन भारत की जड़ों से जुड़ा हुआ है और समाज सेवा, शिक्षा, आपदा प्रबंधन, तथा अन्य कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।"

प्रधानमंत्री ने संघ की विचारधारा और अनुशासन की भी सराहना की और कहा कि यह संगठन राष्ट्र के प्रति समर्पित नागरिकों को तैयार करने का कार्य कर रहा है।

संघ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और समाज में भूमिका

1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज भारत के सबसे बड़े सामाजिक संगठनों में से एक है। इसका उद्देश्य समाज में एकता, राष्ट्रीय गौरव और सेवा भावना को बढ़ावा देना है।

संघ के स्वयंसेवक शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, आपदा राहत और सामाजिक समरसता के क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रहे हैं। संघ द्वारा संचालित सेवा भारती, विद्या भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, और अन्य संस्थाएं समाज के विभिन्न वर्गों तक सहायता पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

संघ प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य समाज में भाईचारा बढ़ाना, राष्ट्रवादी सोच को मजबूत करना और सेवा कार्यों के माध्यम से देश को सशक्त बनाना है।

उन्होंने कहा, "संघ का उद्देश्य केवल शाखाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि हम समाज के हर वर्ग तक पहुंचना चाहते हैं। हम हर व्यक्ति को जोड़कर भारत को और अधिक सशक्त बनाना चाहते हैं।"

युवाओं के लिए संदेश

प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत दोनों ने युवाओं से आह्वान किया कि वे समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए युवाओं का सही दिशा में मार्गदर्शन जरूरी है।

"युवाओं को चाहिए कि वे भारत की संस्कृति और परंपराओं को समझें, देश के लिए समर्पित हों और समाज के विकास में योगदान दें। आरएसएस इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और हम सभी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।"

कार्यक्रम में शामिल गणमान्य व्यक्ति

इस भव्य आयोजन में कई प्रमुख नेता, विचारक, समाजसेवी और संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक उपस्थित थे। कार्यक्रम में संघ के विभिन्न प्रकल्पों और उनकी उपलब्धियों को दर्शाने वाली प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिसमें दर्शाया गया कि कैसे संघ के कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यों में जुटे हुए हैं।

संघ की प्रमुख गतिविधियां

  • शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती के तहत हजारों स्कूलों का संचालन
  • ग्रामीण विकास और आदिवासी उत्थान के लिए वनवासी कल्याण आश्रम की पहल
  • आपदा प्रबंधन में संघ के स्वयंसेवकों की तत्परता
  • समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा देने के लिए सेवा भारती की सक्रियता

समाप्ति: संघ की भविष्य की दिशा

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए हमें अपनी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को सहेजना होगा, और इस दिशा में आरएसएस महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने संघ के कार्यों की सराहना की और कहा कि यह संगठन आने वाले वर्षों में और भी अधिक सामाजिक परिवर्तन लाने में सक्षम होगा।

"हम सभी को राष्ट्रहित में कार्य करना चाहिए, और आरएसएस इस मार्ग पर प्रशंसनीय कार्य कर रहा है। यह संगठन न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।"

(नवीनतम समाचारों के लिए हमारी वेबसाइट WORLD HEADLINES पर जुड़े रहें।)

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.