"बेंगलुरु का ट्रैफिक संकट: Perplexity AI के CEO ने बताया सिलिकॉन सिटी से दूरी की वजह!"

"बेंगलुरु का ट्रैफिक संकट: Perplexity AI के CEO ने बताया सिलिकॉन सिटी से दूरी की वजह!"


बेंगलुरु का ट्रैफिक ‘और भी बदतर…’: Perplexity AI के CEO अरविंद श्रीनिवास ने बताई ‘सिलिकॉन सिटी’ एक्सप्लोर न करने की वजह

बेंगलुरु: भारत की ‘सिलिकॉन वैली’ कहे जाने वाले बेंगलुरु की पहचान टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक स्तर पर है, लेकिन इस हाई-टेक शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम बन चुकी है। हाल ही में, Perplexity AI के सह-संस्थापक और CEO अरविंद श्रीनिवास ने बेंगलुरु के बढ़ते ट्रैफिक को लेकर चिंता जाहिर की। उनका कहना है कि शहर की यह समस्या न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि बाहर से आने वाले पेशेवरों और निवेशकों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन रही है।

बेंगलुरु का ट्रैफिक ‘और भी बदतर…’

अरविंद श्रीनिवास ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, "बेंगलुरु का ट्रैफिक दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है। यह न केवल लोगों की उत्पादकता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यहां के बिजनेस और स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास में भी बाधा डाल सकता है।"

उनका मानना है कि यह समस्या अब इतनी गंभीर हो चुकी है कि कई विदेशी निवेशक और टेक इंडस्ट्री से जुड़े प्रोफेशनल्स बेंगलुरु में सेटअप करने से पहले दो बार सोचने लगे हैं।

तकनीकी हब पर असर डाल सकता है ट्रैफिक संकट

बेंगलुरु, जो कि दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते टेक हब्स में से एक है, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, इंफोसिस, विप्रो जैसी कंपनियों का हेडक्वार्टर भी है। इसके अलावा, शहर में हर साल हजारों नए स्टार्टअप जन्म लेते हैं। लेकिन, बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति, ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक परिवहन की दिक्कतें इस ग्रोथ में रुकावट डाल सकती हैं।

श्रीनिवास ने इस बारे में कहा, "अगर ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए सही कदम नहीं उठाए गए, तो यह बेंगलुरु की टेक इंडस्ट्री के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।"

टीवी मोहनदास पई भी कर चुके हैं आलोचना

बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्या पर पहले भी कई टेक दिग्गज और बिजनेस लीडर्स चिंता जता चुके हैं। इंफोसिस के पूर्व CFO टी. वी. मोहनदास पई ने भी एक बार कहा था कि "बेंगलुरु की खराब गवर्नेंस और भ्रष्टाचार इस शहर के विकास में सबसे बड़ी बाधा है।" उन्होंने कहा था कि शहर में ट्रांसपोर्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग की कमी के कारण मोबिलिटी एक बड़ी समस्या बन चुकी है।

समाधान क्या हो सकता है?

बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए प्रशासन को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे, जैसे कि:

  1. मेट्रो नेटवर्क का विस्तार: शहर में चल रही मेट्रो परियोजनाओं को तेजी से पूरा करना होगा ताकि लोग निजी वाहनों पर कम निर्भर रहें।
  2. स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम: AI और डेटा-ड्रिवन ट्रैफिक मैनेजमेंट से सड़कों पर भीड़ को कम किया जा सकता है।
  3. पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा: अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक बसें और बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑप्शन देने होंगे।
  4. वर्क फ्रॉम होम और फ्लेक्सिबल ऑफिस टाइम: कंपनियां कर्मचारियों के लिए वर्क-फ्रॉम-होम या फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स को बढ़ावा देकर ट्रैफिक लोड कम कर सकती हैं।

क्या बेंगलुरु अपनी ‘सिलिकॉन सिटी’ की पहचान बचा पाएगा?

बेंगलुरु की पहचान एक ग्लोबल टेक हब के रूप में है, लेकिन ट्रैफिक जैसी समस्याएं इसकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकती हैं। अगर सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द इस पर ध्यान नहीं देते, तो आने वाले समय में यह शहर अपने ग्लोबल टेक स्टेटस को बनाए रखने में मुश्किलों का सामना कर सकता है।

Perplexity AI के CEO अरविंद श्रीनिवास का बयान इस ओर इशारा करता है कि बेंगलुरु को अपनी ‘स्मार्ट सिटी’ की छवि बनाए रखने के लिए अब तुरंत सुधार की जरूरत है।


आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? क्या बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्या का हल संभव है? हमें कमेंट में बताएं!

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