WHO ने मानसिक स्वास्थ्य पर नई रणनीति जारी की – जानिए इसके प्रमुख बिंदु!

WHO ने मानसिक स्वास्थ्य नीति एवं रणनीतिक कार्य योजनाओं पर नए दिशा-निर्देश जारी किए


WHO ने मानसिक स्वास्थ्य पर नई रणनीति जारी की – जानिए इसके प्रमुख बिंदु!

📅 27 मार्च 2025 | WORLD HEADLINES 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मानसिक स्वास्थ्य नीति और रणनीतिक कार्य योजनाओं से जुड़े नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी, सुलभ और समावेशी बनाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, खासकर उन देशों में जहां अभी भी इस क्षेत्र में जागरूकता और संसाधनों की कमी है।


🌍 मानसिक स्वास्थ्य: एक वैश्विक संकट

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही हैं। डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट के अनुसार:

25% से अधिक लोग अपने जीवनकाल में किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या का सामना करते हैं।
कोविड-19 महामारी के बाद डिप्रेशन और एंग्जायटी के मामलों में 30% तक की वृद्धि दर्ज की गई।
✅ वैश्विक स्तर पर 80% मानसिक रोगी आवश्यक उपचार प्राप्त नहीं कर पाते।

इस स्थिति को सुधारने के लिए WHO ने नई रणनीतिक योजनाओं का खाका पेश किया है, जो आने वाले वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।


🔍 WHO के नए दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं

सुलभ और समावेशी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ – अस्पतालों के बजाय समुदाय-आधारित सेवाओं को प्राथमिकता देना।
डिजिटल हेल्थकेयर को बढ़ावा – ऑनलाइन काउंसलिंग, मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन और टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार।
मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा – स्कूलों और कार्यस्थलों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य करना।
सरकारी बजट में वृद्धि – मानसिक स्वास्थ्य पर खर्च को स्वास्थ्य बजट का 10% तक बढ़ाने की सिफारिश।
कानूनी सुधार – मानसिक स्वास्थ्य रोगियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए नए कानून लागू करना।


🇮🇳 भारत पर प्रभाव

भारत में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है। नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे (2023) के अनुसार:

📌 10 करोड़ से अधिक भारतीय मानसिक स्वास्थ्य विकारों से प्रभावित हैं।
📌 हर 100 में से केवल 10 लोग ही पेशेवर चिकित्सा सहायता प्राप्त कर पाते हैं।
📌 आत्महत्या की दर में पिछले 5 वर्षों में 20% की वृद्धि हुई है।

WHO के नए दिशा-निर्देश भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हैं। यदि सरकार, स्वास्थ्य संगठनों और समाज ने मिलकर सही कदम उठाए, तो मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है।


📢 आपकी राय?

मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते हैं? क्या भारत में इन नीतियों को लागू करने की जरूरत है?

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