UPI से लेकर ऊर्जा सहयोग तक: बिम्सटेक में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका | मोदी ने रखीं 20+ नई पहलें
बैंकॉक | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को क्षेत्रीय सहयोग, आर्थिक भागीदारी, डिजिटल कनेक्टिविटी और आपदा प्रबंधन जैसे विविध क्षेत्रों में 20 से अधिक महत्वाकांक्षी पहलों की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिम्सटेक (BIMSTEC) केवल एक क्षेत्रीय संगठन नहीं, बल्कि समावेशी विकास और सामूहिक सुरक्षा का एक गतिशील मॉडल बन सकता है।
बिम्सटेक को बताया दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच सेतु
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा,
"बिम्सटेक दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में उभर रहा है। यह मंच क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और साझा समृद्धि को बढ़ावा देने की दिशा में प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है।"
उन्होंने ‘बैंकॉक विज़न 2030’ को अपनाने की घोषणा की, जो बंगाल की खाड़ी क्षेत्र को समृद्ध, सुरक्षित और समावेशी बनाने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
डिजिटल कनेक्टिविटी: यूपीआई को बिम्सटेक से जोड़ने का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री ने भारत के UPI सिस्टम को बिम्सटेक देशों की भुगतान प्रणालियों से जोड़ने का प्रस्ताव पेश किया। इससे व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
"इस तरह के एकीकरण से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन मिलेगा," प्रधानमंत्री ने कहा।
ऊर्जा और भौतिक संपर्क: इलेक्ट्रिक ग्रिड इंटरकनेक्शन की दिशा में कदम
मोदी ने ऊर्जा ग्रिड कनेक्टिविटी को डिजिटल और भौतिक संपर्क के समानांतर एक प्रमुख आवश्यकता बताया और इस दिशा में तेज़ी से कार्य करने का आह्वान किया।
स्थानीय मुद्रा में व्यापार और बिजनेस सहयोग को बढ़ावा
भारत ने बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना और वार्षिक बिम्सटेक बिजनेस समिट के आयोजन का प्रस्ताव दिया। साथ ही, स्थानीय मुद्राओं में व्यापार की व्यवहार्यता पर अध्ययन का सुझाव दिया, जिससे डॉलर पर निर्भरता घटेगी और क्षेत्रीय व्यापार में आसानी होगी।
समुद्री सहयोग और सुरक्षा: एक सतत समुद्री परिवहन केंद्र का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री ने हिंद महासागर में स्थायित्व और सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए एक स्थायी समुद्री परिवहन केंद्र स्थापित करने की बात कही। यह केंद्र अनुसंधान, नवाचार और समुद्री नीति समन्वय को बल देगा।
सुरक्षा और आपदा प्रबंधन: भारत की सक्रिय भागीदारी
मोदी ने कहा कि गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाना एक बड़ा कदम है। भारत इस वर्ष के अंत में इसकी पहली बैठक की मेज़बानी करेगा।
साथ ही, भारत में बिम्सटेक आपदा प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने और चौथे संयुक्त अभ्यास की मेज़बानी करने की भी घोषणा की गई।
स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा
भारत बिम्सटेक देशों में कैंसर देखभाल, पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करेगा। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में साझेदारी को नया विस्तार मिलेगा।
अंतरिक्ष और शिक्षा क्षेत्र में नई पहलें
भारत ने नैनो सैटेलाइट प्रक्षेपण, ग्राउंड स्टेशन, और रिमोट सेंसिंग डेटा साझेदारी की पेशकश की है। इसके अलावा, नालंदा यूनिवर्सिटी में छात्रवृत्ति विस्तार, वन अनुसंधान संस्थान में बिम्सटेक छात्रों के लिए स्कॉलरशिप, और युवा राजनयिकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शामिल हैं।
युवा, खेल और संस्कृति: भविष्य की नींव
प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक युवा नेताओं का शिखर सम्मेलन, हैकाथॉन, पारंपरिक संगीत महोत्सव, और 2027 में बिम्सटेक खेलों की मेजबानी जैसे कार्यक्रमों की घोषणा की।
"बिम्सटेक की 30वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक बनाने के लिए भारत बिम्सटेक खेलों की मेज़बानी करेगा," मोदी ने कहा।
भारत की आपदा में तत्पर भूमिका और सहयोग की भावना
मोदी ने हाल ही में म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप पर संवेदना प्रकट की और बताया कि कैसे भारत ने राहत पहुंचाने में तेजी से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
"प्राकृतिक आपदाएं टाली नहीं जा सकतीं, लेकिन हमारी तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता सदैव मजबूत रहनी चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत ये बहुआयामी प्रस्ताव बिम्सटेक को आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक क्षेत्र में एक नए युग की ओर ले जाने की क्षमता रखते हैं। भारत की ये सक्रिय भागीदारी न केवल नेतृत्व को दर्शाती है, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग को एक ठोस आकार भी देती है।
ताज़ा खबरें, निष्पक्ष विश्लेषण और तेज अपडेट्स के लिए जुड़े रहें WORLD HEADLINES के साथ – आपकी भरोसेमंद न्यूज़ वेबसाइट।

