फिजिक्सवाला 2,500 करोड़ रुपये में दृष्टि आईएएस को खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है
फिजिक्सवाला, जो एक प्रमुख एडटेक यूनिकॉर्न के रूप में उभरा है, ने दृष्टि आईएएस को 2,500 करोड़ रुपये में अधिग्रहित करने के लिए बातचीत की है। यह कदम उस समय सामने आया है जब फिजिक्सवाला अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की तैयारी कर रहा है। नोएडा स्थित यह कंपनी अपनी सार्वजनिक लिस्टिंग के लिए $5 बिलियन के मूल्यांकन पर $500 मिलियन जुटाने का लक्ष्य रखती है।
फिजिक्सवाला की रणनीति और उद्देश्य
इस अधिग्रहण से फिजिक्सवाला को यूपीएससी और अन्य राज्य आयोग की परीक्षाओं की तैयारी क्षेत्र में कदम रखने का मौका मिलेगा, जो एक आकर्षक और तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है, जहाँ पहले से स्थापित कोचिंग सेंटरों का दबदबा है। इसके अलावा, यह कदम फिजिक्सवाला के ऑफ़लाइन शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश को भी दिखाता है। कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 25 तक ऑफ़लाइन राजस्व में 1,000 करोड़ रुपये उत्पन्न करना है।
फिजिक्सवाला की यह रणनीति स्पष्ट रूप से एक बड़े खेल का हिस्सा है, क्योंकि यह न केवल अपनी जेईई और एनईईटी कोचिंग को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अब वह सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के क्षेत्र में भी अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहा है।
दृष्टि आईएएस की स्थिति
विकास दिव्यकीर्ति द्वारा स्थापित दृष्टि आईएएस, सिविल सेवा परीक्षा के कोचिंग क्षेत्र में 26 वर्षों से मजबूत उपस्थिति बनाए हुए है। वित्त वर्ष 24 में, इसने 405 करोड़ रुपये का राजस्व और 90 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया। इसकी प्रमुख शाखा दिल्ली के मुखर्जी नगर में स्थित है, जो संस्थान के कुल राजस्व का 58% योगदान देती है। इसके अलावा, प्रयागराज, जयपुर और करोल बाग जैसी अन्य जगहों पर भी इसकी शाखाएं हैं। हालांकि, दृष्टि आईएएस के सीईओ विवेक तिवारी ने इस अधिग्रहण की खबरों को अफवाह करार दिया है और कहा कि इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।
फिजिक्सवाला की विकास यात्रा और वित्तीय चुनौतियाँ
फिजिक्सवाला का सफर एक यूट्यूब-आधारित कोचिंग प्लेटफॉर्म से शुरू हुआ था, और अब यह एक हाइब्रिड एडटेक यूनिकॉर्न बन चुका है। कंपनी लाइव और रिकॉर्ड किए गए व्याख्यान, टेस्ट सीरीज़ और ऑफ़लाइन केंद्र प्रदान करती है। अब तक, फिजिक्सवाला ने 300 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं, और पिछले साल सीरीज बी राउंड के बाद इसका मूल्यांकन 2.8 बिलियन डॉलर था।
इसके वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, फिजिक्सवाला का राजस्व 1,940 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2023 में केवल 744 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी को इस वृद्धि के साथ-साथ वित्तीय चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। उसका घाटा पिछले साल 13 गुना बढ़कर 1,131 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2023 में यह 84 करोड़ रुपये था। इस घाटे का मुख्य कारण प्रौद्योगिकी, ऑफ़लाइन विस्तार और विपणन में किए गए बड़े निवेश हैं।
कंपनी का भविष्य
फिजिक्सवाला के लिए यह अधिग्रहण एक बड़ा कदम हो सकता है, जिससे उसे अपने ऑफ़लाइन और सरकारी परीक्षा सेक्टर में विकास की दिशा में और अवसर मिल सकते हैं। यह कदम न केवल उनके एडटेक पोर्टफोलियो को मजबूत करेगा, बल्कि फिजिक्सवाला को एक प्रमुख परीक्षा तैयारी प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।
WORLD HEADLINES - तेज खबर, सही खबर!

