अमेरिका में ट्रम्प और एलन मस्क के खिलाफ ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन: 50 राज्यों में गूंजा 'हाथ बंद करो!' आंदोलन
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2025 की शुरुआत में, अमेरिका ने एक ऐसा विरोध आंदोलन देखा जिसने समूचे देश को झकझोर दिया। इस विरोध का केंद्र थे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उद्योगपति एलन मस्क, जिनकी नीतियों और फैसलों के खिलाफ आम नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, श्रमिक संगठन और विभिन्न समुदाय एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए।“Hands Off!” यानी "हाथ बंद करो!" के नाम से चलाया गया यह अभियान अमेरिकी लोकतंत्र के इतिहास में अब तक के सबसे संगठित और व्यापक विरोध प्रदर्शनों में गिना जा रहा है।
विरोध का दायरा: 50 राज्यों में 1,200 से अधिक प्रदर्शन
3 फरवरी 2025 को यह विरोध देश के सभी 50 राज्यों में फैला, जिसमें 1,200 से अधिक स्थानों पर प्रदर्शन हुए। प्रमुख शहरों — वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, शिकागो, लॉस एंजिल्स, बोस्टन, सैन फ्रांसिस्को और मियामी — में विशाल रैलियों का आयोजन हुआ।
Associated Press की रिपोर्ट के अनुसार, इस राष्ट्रव्यापी अभियान में लाखों लोगों ने भाग लिया, जिनमें युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं, वेटरन्स, शिक्षक संघों, और तकनीकी कर्मचारियों की विशेष भागीदारी रही।
विरोध के पीछे के कारण: ट्रम्प-मस्क की नीतियों पर जनाक्रोश
इस व्यापक प्रदर्शन की नींव वर्तमान सरकार और तकनीकी कंपनियों के बीच बढ़ती सांठगांठ, लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले, और सामाजिक-आर्थिक असमानता से उपजे असंतोष में छिपी है। विरोध करने वालों की प्रमुख आपत्तियाँ निम्नलिखित थीं:
1. लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले
राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा मीडिया, न्यायपालिका और स्वतंत्र चुनाव आयोग पर की गई टिप्पणियाँ और हस्तक्षेप लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत मानी गईं।
फैक्ट: 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए, जिससे राजनीतिक अस्थिरता और नागरिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ी।
2. टेक कंपनियों का सत्ता में बढ़ता दखल
एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनियाँ जैसे X (पूर्व में ट्विटर), Neuralink और SpaceX — अब न केवल तकनीकी क्षेत्र में बल्कि नीतिगत निर्णयों में भी हस्तक्षेप कर रही हैं।
उदाहरण: X पर ट्रम्प समर्थक कंटेंट को प्राथमिकता देना, जबकि विपक्षी विचारों को सीमित करना, लोकतांत्रिक बहस के लिए खतरे की घंटी माना गया।
3. सार्वजनिक सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा में कटौती
2025 के प्रारंभिक बजट में ट्रम्प प्रशासन ने Social Security, Medicare और Public Education फंडिंग में भारी कटौती की घोषणा की।
फैक्ट: कांग्रेस बजट रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित बजट में सामाजिक सुरक्षा पर 18% तक कटौती प्रस्तावित है।
4. निजता और डिजिटल स्वतंत्रता का संकट
एलन मस्क की कंपनी Neuralink और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को लेकर लोगों में यह चिंता गहराई है कि सरकार और निजी कंपनियाँ मिलकर आम नागरिकों की निजता का उल्लंघन कर रही हैं।
'हाथ बंद करो!' आंदोलन के आयोजक और समर्थन
यह आंदोलन 150 से अधिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
- American Civil Liberties Union (ACLU)
- Service Employees International Union (SEIU)
- Black Lives Matter
- Planned Parenthood
- Veterans for Democracy
- Human Rights Campaign
इन संगठनों ने एक साझा मंच से कहा:
"हम अमेरिकी लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा के लिए खड़े हैं — सत्ता का केंद्रीकरण, असमानता और डर के खिलाफ यह राष्ट्रीय अस्वीकृति आवश्यक है।"
प्रदर्शन के स्वरूप: शांतिपूर्ण पर संगठित और मुखर
- कई स्थानों पर प्रदर्शनकारी तिरंगे अमेरिकी झंडे और 'Democracy is not for sale' जैसे पोस्टर लिए नारेबाजी करते नजर आए।
- प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे लेकिन अत्यंत संगठित — विशेषकर युवा कार्यकर्ताओं और छात्रों की भागीदारी उल्लेखनीय रही।
- कई जगहों पर कलाकारों, संगीतकारों और लेखकों ने रचनात्मक विरोध दर्ज किया, जिसमें कविताएँ, थिएटर और स्ट्रीट आर्ट शामिल थे।
सरकार और मस्क की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस की ओर से एक संक्षिप्त बयान में कहा गया कि,
"प्रदर्शन नागरिकों का अधिकार है, लेकिन सरकार राष्ट्रहित में निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगी।"
वहीं एलन मस्क ने X पर एक पोस्ट में प्रदर्शनकारियों को "दक्षिणपंथी और वामपंथी उग्रता का शिकार" बताया।
उनकी इस टिप्पणी ने और अधिक आलोचना को जन्म दिया।
राजनीतिक और वैश्विक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विरोध प्रदर्शन 2026 के मिड-टर्म चुनावों को गहराई से प्रभावित करेगा।
ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन की विश्लेषक ऐन पीटरसन कहती हैं:
"इस आंदोलन ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका के नागरिक अब केवल वोट तक सीमित नहीं रहेंगे – वे अपनी लोकतांत्रिक आवाज़ को सड़कों से लेकर संसद तक ले जाएंगे।"
दुनियाभर के लोकतंत्र समर्थकों ने इस विरोध को एक प्रेरणादायक उदाहरण बताया, खासकर उन देशों में जहां टेक्नोक्रेसी और सत्तावादी शासन चिंता का विषय है।
क्या बदलेगा अमेरिका की दिशा?
“हाथ बंद करो!” आंदोलन सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि अमेरिकी नागरिकों की चेतना, संगठितता और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है।
अब देखने वाली बात यह है कि क्या यह जनआंदोलन केवल तात्कालिक असहमति तक सीमित रहेगा, या फिर यह अमेरिका की राजनीतिक दिशा को स्थायी रूप से मोड़ देगा।
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