ईरान ब्लास्ट: बंदर अब्बास में भीषण विस्फोट से 40 की मौत, इजरायली साजिश का आरोप; अब भी धधक रही आग
WORLD HEADLINES | 28 अप्रैल 2025
तेहरान:
ईरान के सबसे बड़े बंदरगाह बंदर अब्बास के शहीद राजााई पोर्ट में दो दिन पहले हुए भीषण धमाके ने कम से कम 40 लोगों की जान ले ली है, जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। विस्फोट के दो दिन बीतने के बाद भी बंदरगाह क्षेत्र में आग धधक रही है, और राहत कार्य तेजी से जारी है।
बंदरगाह में तबाही का मंजर
शनिवार को हुए इस भीषण विस्फोट के बाद से शहीद राजााई पोर्ट का अधिकांश इलाका धुएं और आग की चपेट में है। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि कई कंटेनर डिपो पूरी तरह नष्ट हो गए। अभी भी राहत दल मलबे के नीचे दबे शवों और घायलों को निकालने के प्रयास में जुटे हैं।
हेलीकॉप्टर और भारी वॉटर एयरक्राफ्ट द्वारा समुद्र का पानी गिराकर आग बुझाने की कोशिशें जारी हैं।
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने रविवार को घटनास्थल का हवाई निरीक्षण किया और स्थानीय अस्पतालों में घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा,
"हमें सच्चाई का पता लगाना ही होगा कि यह हादसा कैसे हुआ। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।"
इजरायली साजिश का शक
विस्फोट के बाद ईरानी संसद सदस्य मोहम्मद सिराज ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ हो सकता है।
सिराज ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा,
"यह कोई दुर्घटना नहीं थी। हमारे पास स्पष्ट सबूत हैं कि इजरायल ने इस विस्फोट की साजिश रची। कंटेनरों में पहले से विस्फोटक लगाए गए थे।"
उन्होंने यह भी आशंका जताई कि कुछ आंतरिक गुटों ने भी इसमें सहयोग किया हो सकता है। सिराज के मुताबिक,
"चार अलग-अलग स्थानों पर एक साथ विस्फोट होना सामान्य नहीं हो सकता। यह सोची-समझी योजना का हिस्सा है।"
हालांकि, अभी तक सिराज ने अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं किए हैं। वहीं, इजरायल ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और फिलहाल आधिकारिक स्तर पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
राजकीय शोक की घोषणा
इस दुखद घटना के मद्देनजर ईरानी सरकार ने हॉर्मुज़गन प्रांत में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। बंदरगाह और आसपास के इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कई अहम सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में झंडे झुका दिए गए हैं।
विस्फोट का कारण अब भी रहस्य
घटना के कारणों को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है।
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि विस्फोटक रासायनिक पदार्थ, जैसे कि सोडियम परक्लोरेट, के कारण यह भयावह घटना घटी हो सकती है।
हालांकि, ईरान के रक्षा मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि धमाके वाली जगह पर किसी भी प्रकार की सैन्य सामग्री मौजूद नहीं थी।
सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि,
"घटनास्थल की फॉरेंसिक जांच चल रही है और जैसे ही जांच पूरी होगी, विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।"
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस विस्फोट पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नजर बनी हुई है। कई देशों ने ईरान के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की है।
इस घटना ने ईरान और इजरायल के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों को और भी अधिक जटिल बना दिया है।
WORLD HEADLINES इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। जैसे-जैसे नए अपडेट सामने आएंगे, हम आपको तुरंत जानकारी प्रदान करेंगे।

