अगले पांच वर्षों का एजेंडा तय करेगा BIMSTEC: नई दिशा में सहयोग का विस्तार
WORLD HEADLINES | 1 अप्रैल 2025
📰 नई दिल्ली: BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) देशों ने आगामी पांच वर्षों के लिए एक नई दिशा और एजेंडा तय करने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य क्षेत्रीय विकास, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को और भी मजबूत करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में अपने भाषण में कहा, "BIMSTEC देशों के सहयोग से हम एक नई ऊर्जा और दृष्टिकोण के साथ क्षेत्रीय विकास में कदम बढ़ाएंगे। हम इसे सिर्फ आर्थिक साझेदारी के रूप में नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय साझेदारी के रूप में भी देख रहे हैं।"
🌍 BIMSTEC का महत्व और संगठनात्मक संरचना
BIMSTEC का गठन 1997 में हुआ था और इसमें 7 सदस्य देश शामिल हैं: भारत, बांगलादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, म्यांमार, और थाईलैंड। यह संगठन दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, और बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। BIMSTEC का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग, समाज कल्याण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, और साझा विकास परियोजनाओं के माध्यम से समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना है।
BIMSTEC की संरचना में सात प्रमुख क्षेत्रीय क्षेत्र शामिल हैं:
- वाणिज्य और व्यापार
- संरचना विकास
- जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण
- शिक्षा और मानव संसाधन
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- संस्कृति और समाज कल्याण
- सुरक्षा और रक्षा
इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए BIMSTEC देशों ने अपनी प्राथमिकताएँ तय की हैं और आने वाले पांच वर्षों के लिए विस्तृत योजनाएँ बनाई हैं।
🔑 अगले पांच वर्षों का एजेंडा
BIMSTEC के आगामी एजेंडे में आर्थिक विकास, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, संयुक्त परियोजनाओं और सांस्कृतिक साझेदारी को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत सदस्य देशों में संयुक्त कार्य योजनाएँ तैयार की जाएंगी, जिनसे क्षेत्रीय समृद्धि और विकास को एक नई दिशा मिल सके। यहां हम विस्तार से जानते हैं कि इस एजेंडे में क्या-क्या प्रमुख बातें शामिल हैं।
1. आर्थिक विकास और व्यापार
BIMSTEC के सदस्य देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना इस एजेंडे का प्रमुख हिस्सा होगा। इसके तहत व्यापार, निवेश, और आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लागू करने की योजना बनाई गई है, जिससे व्यापारिक अवरोधों को कम किया जाएगा और निवेश में वृद्धि होगी। इसके अलावा, सदस्य देशों के बीच मूल्यवर्धित उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि क्षेत्रीय व्यापार में वृद्धि हो सके।
2. क्षेत्रीय कनेक्टिविटी
BIMSTEC देशों के बीच क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना भी एजेंडा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके तहत सड़क, रेल, जल, और हवाई मार्गों से संपर्क बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य सभी सदस्य देशों के बीच सुगम और तेज कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है, ताकि व्यापार और पर्यटकों के आवागमन में वृद्धि हो और सदस्य देशों की आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ हों।
3. जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण
BIMSTEC देशों ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सामूहिक रूप से सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए सदस्य देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और जल संसाधन प्रबंधन को लेकर संयुक्त कार्य योजनाएँ बनाने का फैसला किया है। इस प्रयास के तहत, हरित ऊर्जा और सतत विकास के लिए तकनीकी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
4. संयुक्त परियोजनाएँ और संरचनात्मक विकास
BIMSTEC देशों के बीच संरचनात्मक विकास और संयुक्त परियोजनाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परियोजनाओं पर सहयोग किया जाएगा, ताकि क्षेत्र के सभी देशों के बीच विकास में समानता आ सके। विशेष रूप से शहरी विकास, सड़क निर्माण, और जल आपूर्ति जैसी परियोजनाओं पर जोर दिया जाएगा।
5. सांस्कृतिक साझेदारी और समाज कल्याण
BIMSTEC में सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए सदस्य देशों के बीच पारंपरिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत संस्कृतिक उत्सव, कार्यशालाएँ और सांस्कृतिक आयोजनों का आयोजन किया जाएगा, ताकि सदस्य देशों के लोग एक-दूसरे की संस्कृति और परंपराओं को समझ सकें और आपस में मजबूत संबंध बना सकें।
🌐 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में अपने भाषण में कहा, "BIMSTEC का यह नया एजेंडा हमारे सामूहिक विकास, समृद्धि और स्थिरता की दिशा में एक मजबूत कदम होगा। हम चाहते हैं कि BIMSTEC एक ऐसा मंच बने, जो केवल आर्थिक साझेदारी का नहीं बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय साझेदारी का भी प्रतीक बने। अगले पांच वर्षों में यह संगठन एक नया अध्याय लिखेगा, जिसमें हर सदस्य देश अपने हिस्से का योगदान करेगा और सभी मिलकर क्षेत्रीय समृद्धि में भागीदार बनेंगे।"
उन्होंने यह भी कहा, "BIMSTEC देशों के सहयोग से हम एक नई ऊर्जा और दृष्टिकोण के साथ क्षेत्रीय विकास में कदम बढ़ाएंगे। हम इसे सिर्फ आर्थिक साझेदारी के रूप में नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय साझेदारी के रूप में भी देख रहे हैं।"
💼 व्यापार और निवेश
BIMSTEC देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए निवेश आकर्षण को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग कदम उठाए जाएंगे, ताकि सदस्य देशों में नौकरी के अवसर और आर्थिक समृद्धि में वृद्धि हो सके। इसके साथ ही, BIMSTEC देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लागू करने के लिए विस्तृत चर्चा की जाएगी। इससे व्यापारिक प्रवाह बढ़ेगा और निवेश आकर्षित होगा।
🏛️ नए परियोजनाओं पर फोकस
BIMSTEC देशों के बीच कुछ नए परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:
- डिजिटल कनेक्टिविटी: इसके तहत इंटरनेट, ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि सदस्य देशों के लोग और व्यवसाय डिजिटल दुनिया में आसानी से जुड़ सकें।
- सुरक्षा सहयोग: सदस्य देशों के बीच आतंकी गतिविधियों, सीमा पार अपराध, और साइबर सुरक्षा पर साझा कार्रवाई की जाएगी। इस सहयोग से क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को बेहतर बनाने के साथ-साथ सभी देशों के नागरिकों के जीवन को सुरक्षित बनाने का प्रयास किया जाएगा।
BIMSTEC का यह नया एजेंडा अगले पांच वर्षों में क्षेत्रीय समृद्धि और सामूहिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके माध्यम से भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे, साथ ही विकासशील देशों के लिए अवसरों का विस्तार होगा। यह एजेंडा न केवल आर्थिक विकास बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक समृद्धि की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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