इस बार भी सामान्य होगी मानसून की बारिश: मौसम विभाग का पूर्वानुमान

 इस बार भी सामान्य होगी मानसून की बारिश: मौसम विभाग का पूर्वानुमान

इस बार भी सामान्य होगी मानसून की बारिश: मौसम विभाग का पूर्वानुमान

WORLD HEADLINES | 1 अप्रैल 2025

📰 नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने ताज़ा पूर्वानुमान में बताया है कि इस साल भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहेगा। यह खबर कृषि, व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए राहतभरी मानी जा रही है, क्योंकि मानसून पर देश की 55% कृषि व्यवस्था निर्भर रहती है।

🌧️ कैसा रहेगा इस साल मानसून?

  • ✅ मौसम विभाग के अनुसार, जून से सितंबर तक दीर्घकालिक औसत (LPA) का 100% (±4%) तक वर्षा होने की संभावना है। 
  • ✅ पूरे देश में 96% से 104% तक औसत वर्षा होने का अनुमान। 
  • एल नीनो का प्रभाव कमजोर, जबकि ला नीना की स्थिति बनने के संकेत। 
  • उत्तर भारत में सामान्य, मध्य भारत में औसत से अधिक और पूर्वोत्तर में औसत से कम वर्षा हो सकती है।
  •  ✅ 2024 में मानसून 97% LPA था, जबकि 2023 में यह 94% LPA दर्ज किया गया था।

🌍 भारत का भूगोल और मानसून पर प्रभाव:

🌏 भारत का विविध भूगोल मानसून के पैटर्न को प्रभावित करता है। देश का दक्षिण-पश्चिम मानसून मुख्य रूप से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से भारत के तटों पर आता है।

  • 🌄 हिमालय की ऊंची चोटियां मानसून के पश्चिमी विक्षोभ को अवरुद्ध करती हैं, जिससे उत्तर भारत में अधिक वर्षा होती है।
  • 🌾 दक्कन पठार और गंगा का मैदान मानसून के मार्ग में प्रमुख क्षेत्र हैं, जहां इस बार अधिक वर्षा हो सकती है।
  • 🌧️ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और राजस्थान में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है, जबकि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और असम में सामान्य बारिश होने का अनुमान है।
  • 🌊 दक्षिण भारत में मानसून में पूर्वी तट पर कम और पश्चिमी तट पर अधिक वर्षा की संभावना है, खासकर केरल और कर्नाटका में।

🚜 कृषि पर असर:

🌾 अच्छे मानसून से धान, दालें, मक्का, गन्ना और कपास जैसी खरीफ फसलों की पैदावार में वृद्धि होगी।
💰 कृषि उत्पादन बेहतर रहने से खाद्य महंगाई दर नियंत्रित रहने की उम्मीद।
💧 जल भंडारों में पानी की पर्याप्त उपलब्धता से अगली रबी फसल को भी लाभ मिलेगा।
🌱 IMD के अनुसार, खरीफ बुवाई जून के अंत तक सामान्य गति से होगी

🏭 अर्थव्यवस्था को फायदा:

📈 मानसून सामान्य रहने से ग्रामीण मांग में वृद्धि होगी, जिससे एफएमसीजी, ऑटोमोबाइल और ट्रैक्टर सेक्टर को फायदा होगा।
जलविद्युत उत्पादन सुचारु रहेगा, जिससे बिजली संकट की संभावना कम होगी।
🚜 एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीदी बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।
📊 भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान ~18% है, और मानसून का सीधा असर GDP ग्रोथ पर पड़ता है।

🌍 जलवायु परिवर्तन का असर:

⚠️ आईआईटीएम पुणे और अन्य वैज्ञानिक संस्थानों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून के स्वरूप में बदलाव देखने को मिल सकता है।
💨 अत्यधिक बारिश या लंबी शुष्क अवधि की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
🌏 अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, जिससे कुछ इलाकों में अधिक बारिश और बाढ़ की स्थिति बन सकती है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी देश के लिए सकारात्मक संकेत दे रही है। यदि मानसून सामान्य रहता है, तो इससे न केवल कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि अर्थव्यवस्था और ग्रामीण बाजारों को भी मजबूती मिलेगी। हालांकि, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए किसानों और सरकार को आपातकालीन योजनाओं के लिए तैयार रहना होगा।

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