Canada Election 2025 : आज आएंगे नतीजे, लिबरल पार्टी को बढ़त, ट्रंप बोले- "कनाडा को बना देंगे अमेरिका का 51वां राज्य"
WORLD HEADLINES | 29 अप्रैल 2025
ओटावा – कनाडा के नागरिकों ने सोमवार को अपने मताधिकार का उपयोग करते हुए एक नए राजनीतिक भविष्य का रास्ता चुना है। अब सबकी निगाहें चुनावी नतीजों पर टिकी हैं, जो भारतीय समयानुसार आज सुबह करीब 10 बजे से आने शुरू हो जाएंगे। इस बार का चुनाव सिर्फ प्रधानमंत्री पद के लिए नहीं, बल्कि कनाडा की संप्रभुता और राष्ट्रीय भावना के सवाल पर भी केंद्रित रहा।
कड़ा मुकाबला: लिबरल बनाम कंजरवेटिव
कनाडा के इस आम चुनाव में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की अगुवाई वाली लिबरल पार्टी और विपक्ष के नेता पियरे पोलीवरे की कंजरवेटिव पार्टी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।
हालांकि, ताजा सर्वेक्षणों के मुताबिक लिबरल पार्टी को थोड़ी बढ़त हासिल है। सीटीवी न्यूज-ग्लोब एंड मेल-नैनोस के सर्वे के अनुसार, लिबरल पार्टी को 42.6% और कंजरवेटिव पार्टी को 39.9% मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है।
वहीं, ईकेओएस के सर्वे में लिबरल्स को कंजरवेटिव्स पर करीब 6 अंकों की बढ़त दिखाई गई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 343 सीटों वाली हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल पार्टी बहुमत हासिल कर सकती है।
ट्रंप के बयान ने बढ़ाया चुनावी तापमान
चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला बयान देकर कनाडा की राजनीति में हलचल मचा दी।
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर ट्रंप ने कहा,
"कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए। इससे कनाडा को टैक्स में कटौती, दुनिया की सबसे मजबूत सेना और व्यापारिक अवसरों में भारी वृद्धि मिलेगी।"
उन्होंने यह भी लिखा,
"जब दोनों देशों के बीच कोई सीमा नहीं रहेगी तो दोनों को लाभ ही लाभ होगा। अमेरिका हर साल कनाडा पर अरबों डॉलर खर्च कर रहा है, जो तभी जायज होगा जब कनाडा अमेरिका का हिस्सा बन जाए।"
ट्रंप के इस बयान ने कनाडा में देशभक्ति की भावना को और मजबूत कर दिया, जिससे राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मार्क कार्नी को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा मिला है।
मार्क कार्नी की रणनीति काम आई
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी, जो पहले कनाडा और ब्रिटेन के सेंट्रल बैंक के गवर्नर रह चुके हैं, ने ट्रंप की धमकियों का आर्थिक और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर मजबूत जवाब दिया।
कार्नी ने जनता के सामने खुद को एक ऐसे नेता के रूप में प्रस्तुत किया, जो अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद कनाडा की स्वतंत्रता और आर्थिक हितों की रक्षा कर सकता है।
खास बात यह रही कि कार्नी ने खुद को पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से भी अलग कर दिखाया, जिनकी लोकप्रियता हाल के वर्षों में काफी गिर गई थी। ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कार्नी ने लिबरल पार्टी को एक नया चेहरा और नई ऊर्जा दी है।
विपक्ष ने उठाए महंगाई और अपराध के मुद्दे
विपक्ष के नेता पियरे पोलीवरे ने चुनावी अभियान में बढ़ती महंगाई, आवास की कमी और अपराध दर में बढ़ोतरी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने सरकार पर अमेरिकी दबाव के सामने झुकने और घरेलू नीतियों में असफल रहने के आरोप लगाए।
हालांकि, अब तक के सर्वेक्षण बताते हैं कि जनता ने स्थिर नेतृत्व और विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के लिए कार्नी की ओर अधिक विश्वास जताया है।
आज तय होगा कनाडा का भविष्य
आज जब वोटों की गिनती शुरू होगी, तो यह साफ हो जाएगा कि क्या कनाडाई जनता ने एक बार फिर लिबरल पार्टी पर भरोसा जताया है या कंजरवेटिव पार्टी ने कोई बड़ा उलटफेर किया है।
यह चुनाव सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बल्कि कनाडा की स्वतंत्रता, राष्ट्रवाद और अमेरिका के साथ रिश्तों के भविष्य को तय करने वाला चुनाव बन चुका है।
पूरी दुनिया की निगाहें आज कनाडा पर टिकी हैं।
WORLD HEADLINES इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। जैसे-जैसे नए अपडेट सामने आएंगे, हम आपको तुरंत जानकारी प्रदान करेंगे।

