भारत ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में रचा इतिहास — ITES रिपोर्ट 2025 और क्वांटम रणनीति से नए युग की शुरुआत
दिनांक: 16 अप्रैल 2025
भारत की तकनीकी क्रांति अब केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक ठोस हकीकत बन चुकी है। हाल ही में आई ITES रिपोर्ट 2025 और भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत अंतरराष्ट्रीय क्वांटम टेक्नोलॉजी सहभागिता रणनीति (ITES-Q) इस बात का प्रमाण हैं कि भारत अब वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर तेज़ी से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है।
ITES क्षेत्र: भविष्य की नींव पर खड़ा वर्तमान
20% रोजगार वृद्धि का अनुमान — नया भारत, नई संभावनाएं
भारत का सूचना प्रौद्योगिकी और सक्षम सेवाएं (ITES) क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक इस सेक्टर में 20% तक की रोजगार वृद्धि देखी जाएगी।
जहां एक ओर पारंपरिक आईटी सेवाएं स्थिर बनी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसे नए क्षेत्रों में 75% तक की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
यह सिर्फ़ तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा है।
युवा पीढ़ी के लिए सुनहरा अवसर
ITES रिपोर्ट यह भी बताती है कि आने वाले वर्षों में 10 लाख से अधिक नौकरियों का निर्माण होगा, जिसमें बड़ी संख्या में स्किल्ड यंग प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ेगी।
डिजिटल स्किलिंग प्रोग्राम, AI-बेस्ड ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म्स, और नवाचार केंद्रों के माध्यम से भारत एक ऐसे डिजिटल इकोसिस्टम की ओर बढ़ रहा है, जहां नौकरी चाहने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले तैयार हो रहे हैं।
क्वांटम टेक्नोलॉजी: अब भविष्य नहीं, हमारी रणनीति का हिस्सा
भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय क्वांटम रणनीति – ITES-Q की शुरुआत
भारत ने 14 अप्रैल 2025 को तकनीकी प्रगति की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, अपने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के माध्यम से पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्वांटम प्रौद्योगिकी सहभागिता रणनीति (ITES-Q) का औपचारिक रूप से अनावरण किया।
यह रणनीति न केवल भारत की वैज्ञानिक दृष्टि को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि भारत अब क्वांटम युग में प्रवेश कर चुका है — एक ऐसा युग जो भविष्य की सभी तकनीकों की नींव बन सकता है।
ITES-Q रणनीति के मुख्य उद्देश्य
- राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के साथ एकीकृत दृष्टिकोण
- वैश्विक सहयोग को मज़बूती देना – जैसे अमेरिका, यूरोप और एशियाई देशों के साथ साझेदारी
- क्वांटम सुरक्षा, कंप्यूटिंग और सेंसरिंग में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना
- मानकीकरण (Standardization) में भारत की भागीदारी सुनिश्चित करना
क्यों महत्वपूर्ण है क्वांटम टेक्नोलॉजी?
- सुरक्षा: क्वांटम क्रिप्टोग्राफी से भारत को साइबर सुरक्षा में बेजोड़ मजबूती मिलेगी।
- कंप्यूटिंग: परंपरागत कंप्यूटिंग की सीमाओं को पार कर, क्वांटम कंप्यूटर जटिल वैज्ञानिक, रक्षा, और औद्योगिक समस्याओं को कुछ ही सेकंड में हल कर सकते हैं।
- डेटा प्रोसेसिंग: हेल्थकेयर, मौसम पूर्वानुमान और स्पेस साइंस जैसे क्षेत्रों में क्वांटम टेक्नोलॉजी क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
भारत का तकनीकी भविष्य: आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ कदम
स्टार्टअप्स और R&D को मिल रहा बल
ITES-Q रणनीति के तहत भारत सरकार ने क्वांटम क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से स्टार्टअप्स और अनुसंधान प्रयोगशालाओं के लिए विशेष वित्तीय सहायता की योजना पेश की है।
देश के विभिन्न IITs और वैज्ञानिक संस्थानों को क्वांटम रिसर्च में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे नवाचार और रोजगार दोनों को बल मिलेगा।
डिजिटल कौशल विकास मिशन
भारत का लक्ष्य है कि 2026 तक 10 लाख से अधिक युवाओं को क्वांटम, AI, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाए।
इसके लिए नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NSDC) और निजी टेक कंपनियों के साथ मिलकर एक समग्र योजना बनाई गई है।
नया भारत, नई दिशा
ITES रिपोर्ट 2025 और ITES-Q रणनीति से यह स्पष्ट हो चुका है कि भारत तकनीकी उपभोक्ता नहीं, अब एक वैश्विक नवाचार का नेता बनना चाहता है।
जहां एक ओर ITES क्षेत्र में तेजी से रोजगार सृजन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे उन्नत क्षेत्र में भारत ने अपने झंडे गाड़ने शुरू कर दिए हैं।
WORLD HEADLINES पर हम यह कह सकते हैं कि भारत की यह तकनीकी यात्रा सिर्फ़ देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।

