वक्फ संशोधन बिल पर JDU-TDP का समर्थन, सरकार ने जुटाया संख्याबल ,कल लोकसभा में होगी चर्चा

वक्फ बिल पर JDU और TDP ने साफ किया स्टैंड, सरकार जुटा रही समर्थन

वक्फ बिल पर JDU और TDP ने साफ किया स्टैंड, सरकार जुटा रही समर्थन

WORLD HEADLINES | 1 अप्रैल 2025

नई दिल्ली: सियासी घमासान तेज, सरकार के लिए अग्निपरीक्षा

वक्फ संशोधन बिल को लेकर भारतीय राजनीति में हलचल मची हुई है। केंद्र सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अपने सहयोगी दलों से लगातार बातचीत कर रहे हैं, ताकि लोकसभा में बहुमत सुनिश्चित किया जा सके। इस बीच, जनता दल यूनाइटेड (JDU) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने अपने रुख स्पष्ट कर दिए हैं और सरकार को समर्थन देने की बात कही है।

JDU और TDP के समर्थन से BJP को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि इससे विधेयक के पक्ष में संख्याबल मजबूत हो गया है। TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल आम मुसलमानों के हक में है और इससे उन्हें उनका खोया हुआ अधिकार वापस मिलेगा। वहीं, JDU नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि JDU को किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है और कांग्रेस को अपने 70 वर्षों के शासनकाल में मुसलमानों के लिए किए गए कार्यों पर आत्ममंथन करना चाहिए।


JDU की रणनीति: NDA के साथ मजबूती से खड़े रहने की तैयारी

वक्फ संशोधन बिल पर JDU-TDP का समर्थन, सरकार ने जुटाया संख्याबल ,कल लोकसभा में होगी चर्चा


JDU सूत्रों का कहना है कि यह विधेयक धर्म से नहीं, बल्कि जमीन और संपत्ति के अधिकारों से जुड़ा हुआ है। पार्टी ने इस विधेयक पर अपनी चिंताओं को सरकार के समक्ष रखा था और अधिकांश सुझावों को विधेयक में शामिल कर लिया गया है।

इसके अलावा, बिहार में JDU और BJP गठबंधन में हैं और 2025 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए JDU के लिए NDA से दूरी बनाना मुश्किल होगा। इसीलिए पार्टी ने लोकसभा में अपने सांसदों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने और बिल के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है।


लोकसभा में संख्याबल: सरकार को मिल सकता है आसानी से बहुमत

लोकसभा में कुल 542 सांसद हैं, जिनमें से BJP के पास 240 सीटें हैं। अगर NDA के अन्य घटक दलों को जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 294 तक पहुंच जाता है, जबकि बिल पारित कराने के लिए 272 सांसदों की जरूरत होती है। ऐसे में अगर सभी सहयोगी दल समर्थन देते हैं तो सरकार को कोई परेशानी नहीं होगी।

हालांकि, विपक्ष की रणनीति को देखते हुए BJP ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने दावा किया है कि विपक्षी गठबंधन के कुछ सांसद भी इस बिल का समर्थन कर सकते हैं या मतदान से अनुपस्थित रहकर सरकार की मदद कर सकते हैं।


BJP बनाम कांग्रेस: वक्फ कानून पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

BJP सांसद राधा मोहन अग्रवाल ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 1995 और 2013 में वक्फ कानून में जो संशोधन किए गए थे, वे कांग्रेस सरकार के दौरान हुए थे, जिससे वक्फ संपत्तियों को लेकर धांधली को बढ़ावा मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वक्फ कानून का दुरुपयोग कर जमीनों की लूट को संस्थागत रूप दिया और अब जब सरकार इसमें सुधार कर रही है, तो वह इसका विरोध कर रही है।

वहीं, कांग्रेस ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि BJP इस बिल के जरिए अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रही है और यह विधेयक दरअसल वक्फ संपत्तियों को कमजोर करने का एक प्रयास है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि BJP सरकार को अल्पसंख्यकों की चिंता नहीं है, बल्कि वह इस विधेयक के जरिए राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है।


संसद में हंगामे के आसार, सरकार की कड़ी तैयारी

सरकार ने इस विधेयक को लेकर अपने प्रवक्ताओं और सांसदों को विशेष ब्रीफिंग दी है, ताकि वे टीवी डिबेट और सदन में मजबूती से सरकार का पक्ष रख सकें।

बुधवार को जब यह बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा, तो इस पर तीखी बहस होने की संभावना है। विपक्ष इसे मुस्लिम विरोधी बताकर हमलावर होगा, जबकि सरकार इसे जमीन की पारदर्शिता से जुड़ा कानून बताकर अपना पक्ष रखेगी।


लोकसभा में वक्फ बिल पर BJP के प्रमुख वक्ता:

  • जगदंबिका पाल
  • अनुराग ठाकुर
  • निशिकांत दुबे
  • अभिजीत गंगोपाध्याय
  • कमलजीत सहरावत
  • तेजस्वी सूर्या
  • रविशंकर प्रसाद

राज्यसभा में BJP के प्रमुख वक्ता:

  • सुधांशु त्रिवेदी
  • राधामोहन दास अग्रवाल
  • बृजलाल
  • मेधा कुलकर्णी
  • भागवत कराड

क्या होगा आगे?

अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि बुधवार को लोकसभा में क्या समीकरण बनते हैं और सरकार इस बिल को कितनी आसानी से पारित करा पाती है। विपक्षी दलों की ओर से इस पर तीखा विरोध देखने को मिल सकता है, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि सहयोगी दलों के समर्थन से यह विधेयक आसानी से पास हो जाएगा। राज्यसभा में भी यह बिल पेश किया जाएगा, जहां BJP के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है, लेकिन कुछ विपक्षी दलों की संभावित अनुपस्थिति सरकार के पक्ष में जा सकती है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विधेयक को लेकर राजनीतिक दल किस तरह से अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं और संसद में इसका असर क्या होता है।

WORLD HEADLINES पर हम आपको इन सब से जुड़े ताज़ा अपडेट्स और गहन विश्लेषण प्रदान करते रहेंगे, ताकि आप हमेशा ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.