बाबा केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजी पूरी घाटी | WORLD HEADLINES
आस्था का आरंभ: बाबा केदारनाथ के कपाट खुले
उत्तराखंड की हिमालयी पर्वतमालाओं में स्थित पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार, 3 मई 2025 को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालु "हर-हर महादेव" के जयघोष के साथ बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे और अपनी अनंत श्रद्धा अर्पित की। कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की आधिकारिक शुरुआत हो गई, जो आगामी छह महीनों तक चलेगी।
15,000 से अधिक भक्तों ने किए पहले दिन दर्शन
केदारनाथ धाम में पहले दिन ही 15,000 से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। अल सुबह कपाट खुलने से पहले से ही मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। बारिश और हल्की बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था।
मंदिर के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने ब्रह्म मुहूर्त में वैदिक विधि से मंदिर के कपाट खोले। इसके साथ ही मंदिर के अंदर गूंजते मंत्रों और बाहर जयकारों का समावेश, पूरे वातावरण को अध्यात्म में रंग गया।
सुरक्षा और सुविधाओं पर रही प्रशासन की विशेष नजर
चारधाम यात्रा को लेकर इस बार राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने व्यवस्थाओं को लेकर विशेष सतर्कता बरती है। सोनप्रयाग, गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ मंदिर तक सुरक्षा बलों की तैनाती, CCTV निगरानी, और चिकित्सा सहायता केंद्रों की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा, हेलीकॉप्टर सेवाएं, पानी और बिजली की व्यवस्था, यात्रा मार्ग पर शौचालय और विश्रामगृह जैसे कई इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “केदारधाम में यह यात्रा न सिर्फ भक्ति का पर्व है, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति का उत्सव भी है।”
मौसम बना चुनौती, लेकिन नहीं रुकी आस्था
केदारनाथ की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 12,000 फीट है, और मई की शुरुआत में भी यहां ठंड बनी रहती है। इस बार भी कपाट खुलने से पहले और बाद में हल्की बर्फबारी और बारिश ने वातावरण को चुनौतीपूर्ण बना दिया। लेकिन आस्था के आगे यह सब बौना नजर आया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दिनों में मौसम में और बदलाव की संभावना जताई है, जिससे प्रशासन ने अलर्ट मोड में अपने इंतजामों को सुदृढ़ किया है।
आदि कैलास के भी खुले कपाट
पिथौरागढ़ जिले में स्थित प्रसिद्ध आदि कैलास धाम के कपाट भी 3 मई को खोले गए। यह स्थल ‘छोटा कैलाश’ के नाम से भी जाना जाता है, और यहां भी पहले दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के दर्शन किए। यह यात्रा भले ही कठिन पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरती हो, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था यहां भी कम नहीं होती।
4 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
चारधाम यात्रा का अगला प्रमुख पड़ाव है बद्रीनाथ धाम, जहां के कपाट 4 मई 2025 को सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। वहां भी व्यवस्थाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। प्रशासन हेलीकॉप्टर सेवा, स्वास्थ्य शिविर, और यात्री सुविधाओं की कड़ी निगरानी में जुटा है।
श्रद्धालुओं के लिए ज़रूरी निर्देश
यदि आप भी बाबा केदार के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
- यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
- स्वास्थ्य परीक्षण कराना ज़रूरी है।
- 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
- मौसम की जानकारी नियमित रूप से लेते रहें।
WORLD HEADLINES की विशेष अपील
हम आपसे आग्रह करते हैं कि चारधाम यात्रा को एक धार्मिक कर्तव्य के रूप में लें, न कि केवल पर्यटन के रूप में। यह यात्रा न केवल आस्था की परीक्षा लेती है, बल्कि संयम, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी भी सिखाती है। अपनी सुरक्षा और दूसरों की सुविधा का ध्यान रखते हुए यात्रा करें।
बर्फीले पर्वतों के बीच बसे बाबा केदारनाथ के दर आज श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुल चुके हैं। भक्तों की भीड़, उनका समर्पण और वातावरण में गूंजती महादेव की जयकार — यह सब दर्शाता है कि भक्ति की लौ कभी बुझती नहीं। बाबा के दर पर पहुंचने वाला हर यात्री सिर्फ एक यात्री नहीं, बल्कि शिव का अपना बन जाता है।
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लेखक: Ramjanm Kumar
वेबसाइट: www.worldheadlines.in
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