जापान को पछाड़ भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, IMF रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं। वैश्विक मंच पर एक और बड़ी छलांग लगाते हुए भारत ने अब जापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लिया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट (अप्रैल 2025) में दर्ज हुई है।
अब भारत से आगे सिर्फ तीन दिग्गज हैं—अमेरिका, चीन और जर्मनी। जिस रफ्तार से भारत की GDP बढ़ रही है, वो दिन दूर नहीं जब भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर भी उभरेगा।
IMF ने जारी किए आंकड़े, भारत की GDP पहुंची 4.187 ट्रिलियन डॉलर
IMF की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की GDP अब 4.187 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुकी है, जबकि जापान की GDP 4.186 ट्रिलियन डॉलर पर सिमट गई है। महज 1 अरब डॉलर का यह अंतर भले ही छोटा लगे, लेकिन इसकी अहमियत बेहद बड़ी है। क्योंकि अब भारत ने एक ऐसी अर्थव्यवस्था को पछाड़ा है जो दशकों तक एशिया की आर्थिक महाशक्ति मानी जाती रही है।
2024 तक भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। लेकिन अब 2025 में यह पायदान ऊपर चढ़ते हुए एक नया इतिहास रच चुका है।
नीति आयोग की पुष्टि, भारत टेक-ऑफ मोड में
नई दिल्ली में आयोजित 10वीं नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के बाद नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा—
"जैसा कि मैं अभी बोल रहा हूं, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। हमारी GDP 4 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर चुकी है। यह मेरा दावा नहीं, बल्कि IMF का डेटा है।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत अब एक ऐसे ‘टेक-ऑफ मोड’ पर पहुंच चुका है जहां से उसकी अर्थव्यवस्था आने वाले सालों में उड़ान भरने को तैयार है।
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य, राज्यों से संवाद
बैठक में एक और बड़ा एजेंडा था—‘विकसित राज्य से विकसित भारत 2047’। नीति आयोग ने केंद्र और राज्यों के बीच गहन मंथन किया जिसमें प्रमुख विषय थे:
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना
- ग्रामीण और शहरी गैर-कृषि क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर
- अनौपचारिक क्षेत्र को संगठित करना
- ग्रीन और सर्कुलर इकोनॉमी की दिशा में ठोस कदम
सुब्रह्मण्यम ने कहा—
"2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि हमारा संकल्प है। जिस गति से देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, वह इस लक्ष्य को साकार करने की दिशा में बेहद उत्साहजनक संकेत है।"
क्या हैं भारत की सफलता के पीछे के 5 बड़े कारण?
- डिजिटल भारत की क्रांति – UPI, डिजिटल भुगतान, जनधन खाते और आधार ने आर्थिक समावेशन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
- मेक इन इंडिया का असर – प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग ने विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया।
- युवा आबादी और स्टार्टअप बूम – दुनिया की सबसे युवा कार्यशक्ति और तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत को प्रतिस्पर्धी बनाता है।
- बैंकिंग और टैक्स सुधार – GST, IBC और कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती जैसे कदमों ने कारोबारी माहौल सुधारा।
- सेवाओं का वर्चस्व – IT, हेल्थटेक, एडटेक, BPO और फिनटेक में भारत का दबदबा लगातार बढ़ रहा है।
जापान क्यों पिछड़ा, भारत क्यों आगे निकला?
जहां एक ओर भारत अपने युवा ऊर्जा, खपत आधारित बाजार और टेक्नोलॉजी को अपनाने की क्षमता से आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर जापान बुजुर्ग होती आबादी, कम उपभोक्ता खर्च, और स्थिर होती प्रोडक्टिविटी से जूझ रहा है।
जापान की धीमी ग्रोथ और महंगाई दर भारत की तेज़ उभरती अर्थव्यवस्था के सामने टिक नहीं सकी।
IMF का अनुमान: भारत 2026 तक और ऊंची उड़ान भरेगा
IMF ने अनुमान जताया है कि 2026 तक भारत की GDP बढ़कर 4.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक:
- 2025 में विकास दर: 6.2%
- 2026 में विकास दर: 6.3%
- वैश्विक औसत: 2025 में 2.8% और 2026 में 3%
यानि, भारत वैश्विक औसत से दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
अभी भी हैं बड़ी चुनौतियाँ
इस आर्थिक छलांग के बावजूद भारत को कुछ अहम चुनौतियों का सामना करना है:
- बेरोज़गारी की समस्या – तेजी से बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में नौकरियां नहीं बन रहीं।
- शिक्षा और स्वास्थ्य में असमानता – ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं आज भी सीमित हैं।
- गरीबी और आय में अंतर – शहरों और गांवों के बीच आर्थिक खाई बनी हुई है।
- पर्यावरणीय संकट – जलवायु परिवर्तन से निपटना सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
क्या भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था?
नीति आयोग और IMF दोनों ही मानते हैं कि यदि यही रफ्तार रही तो अगले 2-3 वर्षों में भारत जर्मनी को पछाड़ कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसके लिए सरकार को निजी निवेश को और गति देनी होगी, निर्यात को बढ़ावा देना होगा और रोजगार सृजन पर खास ध्यान देना होगा।
WORLD HEADLINES का निष्कर्ष: भारत ने खोला आर्थिक आत्मनिर्भरता का नया अध्याय
भारत का चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बनना न सिर्फ आंकड़ों का खेल है, बल्कि यह दर्शाता है कि देश सही दिशा में बढ़ रहा है। अब अगला लक्ष्य है—2047 तक विकसित राष्ट्र बनना।
आज भारत ने सिर्फ जापान को नहीं पछाड़ा, बल्कि ‘विश्व गुरु’ बनने की ओर एक ठोस कदम भी बढ़ाया है।
ताज़ा खबरें, निष्पक्ष विश्लेषण और तेज अपडेट्स के लिए जुड़े रहें WORLD HEADLINES के साथ – आपकी भरोसेमंद न्यूज़ वेबसाइट



