जैश का गढ़ बहावलपुर: क्यों बना भारत की एयरस्ट्राइक का सबसे अहम टारगेट?
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दिनांक: 7 मई 2025
भारत ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर एक निर्णायक ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में जिस जगह को सबसे अहम निशाना बनाया गया, वह है पाकिस्तान का बहावलपुर शहर – जैश-ए-मोहम्मद का गढ़।
क्यों खास है बहावलपुर?
बहावलपुर पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर है और इसे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का संचालन मुख्यालय भी कहा जाता है। यह शहर पंजाब प्रांत में स्थित है और लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर है। यही वह स्थान है जहाँ JeM का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर जन्मा और पनपा।
यहाँ पर स्थित 'जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह', जिसे 'उस्मान-ओ-अली कैंपस' भी कहा जाता है, JeM का प्रमुख ट्रेनिंग और भर्ती केंद्र है। यह परिसर करीब 18 एकड़ में फैला हुआ है और लंबे समय से आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होता रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, यहीं से आतंकी हमलों की रणनीति, फंडिंग और नई भर्ती का संचालन होता है।
ऑपरेशन 'सिंदूर': भारत का निर्णायक जवाब
भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की सम्मिलित योजना के तहत 7 मई की तड़के 1:44 बजे 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की गई। इस ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें बहावलपुर के अलावा कोटली और मुरीदके जैसे जगहें भी शामिल थीं।
यह ऑपरेशन पूर्ण रूप से भारतीय धरती से अंजाम दिया गया, जिसमें अत्याधुनिक मिसाइल तकनीक, ड्रोन-आधारित 'लोइटरिंग म्यूनिशन' और सटीक निर्देशांक आधारित स्ट्राइक का इस्तेमाल किया गया।
जैश और लश्कर के ठिकाने हुए ध्वस्त
भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में स्पष्ट कहा गया कि इस हमले का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी ढांचों को खत्म करना था, न कि पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को। ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालयों को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
बहावलपुर के उस्मान-ओ-अली कैंपस में स्थित JeM के मुख्यालय को निशाना बनाया गया, जहाँ भारी विस्फोटक गिराए गए। सूत्रों के अनुसार, परिसर में बड़ी संख्या में आतंकी मौजूद थे।
पाकिस्तानी प्रतिक्रिया: तनाव बढ़ा
भारत की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की सेना (ISPR) ने स्वीकार किया कि छह अलग-अलग स्थानों पर कुल 24 हमले किए गए हैं, जिसमें 8 लोगों की मौत और 33 घायल होने की पुष्टि की गई है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कार्रवाई को 'युद्ध की कार्रवाई' बताते हुए सुबह 10:30 बजे राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक बुलाई।
पाकिस्तानी सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तारड़ ने भी इस हमले को "भारत की तरफ से उकसावा" बताया और कहा कि पाकिस्तान इसका "करारा जवाब" देगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत ने साझा की जानकारी
ऑपरेशन के तुरंत बाद भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और यूएई जैसे रणनीतिक साझेदारों को इस कार्रवाई की जानकारी दी। इन देशों के साथ भारत ने अपने रुख को साझा किया कि यह हमला सिर्फ आतंकवादी ढांचे को खत्म करने के लिए था, किसी देश के खिलाफ नहीं।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
पिछले सप्ताह कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें कई जवान शहीद हुए थे। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने किया था। इसके बाद से पूरे देश में गुस्सा था और सेना को खुली छूट दी गई थी। ऑपरेशन सिंदूर उसी का रणनीतिक जवाब है।
श्रीनगर एयरपोर्ट बंद, हाई अलर्ट पर बॉर्डर
ऑपरेशन के बाद श्रीनगर एयरपोर्ट को आम नागरिकों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है और देश के सभी सीमावर्ती इलाकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सेना की तैनाती बढ़ाई गई है और वायु रक्षा प्रणाली को सतर्क कर दिया गया है।
बहावलपुर पर एयरस्ट्राइक सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत का एक स्पष्ट संदेश है कि अब 'सबूत' नहीं, 'सर्जिकल जवाब' मिलेगा। भारत अब हर हमले का उत्तर सटीक और निर्णायक देगा — और वो भी अपने समय पर, अपनी शर्तों पर। जैश और लश्कर के आतंक का गढ़ अब भारत के निशाने पर है, और इस बार सिर्फ चेतावनी नहीं, जवाबी कार्रवाई हो रही है।
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