थाईलैंड की सुचाता चुआंगश्री बनीं मिस वर्ल्ड 2025: हैदराबाद में रचा इतिहास
31 मई 2025 – मिस वर्ल्ड 2025 का ताज थाईलैंड की ओपाल सुचाता चुआंगश्री के सिर सजा। 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले शनिवार रात हैदराबाद के हिटेक्स एग्ज़िबिशन सेंटर में भव्यता के साथ संपन्न हुआ, जहां दुनियाभर की 108 सुंदरियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद सुचाता ने यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया।
सुचाता चुआंगश्री: प्रतिभा, संवेदना और आत्मविश्वास की मिसाल
21 वर्षीय सुचाता चुआंगश्री थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक की रहने वाली हैं और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की छात्रा हैं। उन्हें मनोविज्ञान और मानव विज्ञान में गहरी रुचि है और वे भविष्य में राजदूत बनकर अपने देश का नाम रोशन करना चाहती हैं। सुचाता स्तन कैंसर के क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों के लिए स्वयंसेवक के रूप में भी सक्रिय रही हैं, जिससे उनकी सामाजिक संवेदनशीलता और सेवा-भावना झलकती है।
फिनाले के दौरान जब 71वीं मिस वर्ल्ड क्रिस्टीना पिस्जकोवा (चेक गणराज्य) ने उनके सिर पर नीले रंग का बहुमूल्य ताज सजाया, तो सुचाता ने नमस्ते मुद्रा में मुस्कुराते हुए भारतीय संस्कृति का सम्मान किया। उनकी विनम्रता और आत्मविश्वास ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
उपविजेता बनीं इथियोपिया की हासेट डेरेजे एडमसु
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में इथियोपिया की हासेट डेरेजे एडमसु उपविजेता रहीं। अंतिम चार में मार्टीनिक और पोलैंड की प्रतिभागियों ने भी जगह बनाई, लेकिन निर्णायक क्षणों में सुचाता ने अपनी बुद्धिमत्ता, मंच पर उपस्थिति और सामाजिक कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता से निर्णायकों को प्रभावित किया।
भारत की नंदिनी गुप्ता: प्रेरणादायक सफर, लेकिन ताज से चूकीं
भारत की ओर से राजस्थान की कोटा निवासी नंदिनी गुप्ता ने मिस वर्ल्ड 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने ‘टॉप मॉडल चैलेंज’ में एशिया-ओशिनिया क्षेत्र की विजेता बनकर भारत का नाम रोशन किया, लेकिन वे टॉप 8 में जगह नहीं बना सकीं। नंदिनी ने फिनाले में वियतनामी डिजाइनर गुयेन टीएन ट्रूयेन द्वारा तैयार गंगा नदी थीम पर आधारित गाउन पहनकर रैंप वॉक किया, जो भारतीय संस्कृति की दिव्यता और शुद्धता का प्रतीक था।
नंदिनी का सफर लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बना। कोटा की पुरानी सब्जी मंडी क्षेत्र से निकलकर उन्होंने मिस राजस्थान, मिस इंडिया और अब मिस वर्ल्ड के मंच तक अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से जगह बनाई। भले ही ताज उनके सिर नहीं सजा, लेकिन उन्होंने अपने आत्मविश्वास, मुस्कान और राष्ट्रप्रेम से हर भारतीय का दिल जीत लिया।
तेलंगाना में पहली बार, भारतीय संस्कृति का वैश्विक मंच
मिस वर्ल्ड 2025 प्रतियोगिता पहली बार भारत के तेलंगाना राज्य में आयोजित हुई। 10 से 31 मई तक चले इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में 120 से अधिक देशों की प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। राज्य सरकार ने इस आयोजन का उपयोग पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए किया। प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और स्थानीय विरासत से भी रूबरू कराया गया, जिससे भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक विविधता का संदेश पूरी दुनिया में गया।
विजेता को मिला करोड़ों का इनाम और वैश्विक पहचान
मिस वर्ल्ड 2025 की विजेता सुचाता चुआंगश्री को लगभग 8.5 करोड़ रुपये की नकद राशि, 6.21 करोड़ रुपये का नीला ताज, विशेष उपहार और तेलंगाना सरकार से सम्मान प्राप्त हुआ। मिस वर्ल्ड बनने के बाद उन्हें फिल्मों, मॉडलिंग और ब्रांड एंबेसडर बनने जैसे कई अंतरराष्ट्रीय अवसर मिलेंगे, जिससे उनका करियर नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।
भारत और मिस वर्ल्ड: गौरवशाली इतिहास
भारत का मिस वर्ल्ड के साथ गहरा नाता रहा है। अब तक छह भारतीय सुंदरियां – रीता फारिया (1966), ऐश्वर्या राय (1994), डायना हेडन (1997), युक्ता मुखी (1999), प्रियंका चोपड़ा (2000) और मानुषी छिल्लर (2017) – यह ताज अपने नाम कर चुकी हैं। इस बार भले ही ताज भारत नहीं आया, लेकिन नंदिनी गुप्ता ने अपने प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाया।
प्रतियोगिता का महत्व और भविष्य की राह
मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता न सिर्फ सौंदर्य का, बल्कि प्रतिभा, सामाजिक जिम्मेदारी और वैश्विक संस्कृति के आदान-प्रदान का भी मंच है। हर वर्ष यह आयोजन युवाओं को प्रेरित करता है कि वे अपने सपनों के लिए मेहनत करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आगे आएं।
इस वर्ष की प्रतियोगिता ने तेलंगाना को वैश्विक मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाई और भारतीय संस्कृति की छाप पूरी दुनिया में छोड़ी। सुचाता चुआंगश्री की जीत और नंदिनी गुप्ता का प्रेरणादायक सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन गया है।
WORLD HEADLINES का निष्कर्ष
मिस वर्ल्ड 2025 का ताज थाईलैंड की सुचाता चुआंगश्री के सिर सजा, जिन्होंने न केवल अपनी सुंदरता बल्कि सामाजिक कार्यों और संवेदनशीलता से भी दुनिया का दिल जीता। भारत की नंदिनी गुप्ता ने भले ही टॉप 8 में जगह नहीं बनाई, लेकिन उनका सफर करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया। तेलंगाना में पहली बार आयोजित इस प्रतियोगिता ने भारतीय संस्कृति और पर्यटन को वैश्विक मंच पर स्थापित किया, जो आने वाले वर्षों में देश के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
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