"भारत को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए लोग मिलकर काम करें" – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए सरकार, समाज और आम जनता को एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि टीबी सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास से जुड़ा मुद्दा भी है।
🔹 सरकार का लक्ष्य: 2025 तक टीबी मुक्त भारत
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह लक्ष्य विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2030 की समय सीमा से पहले ही हासिल करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा,
"भारत ने पोलियो और स्मॉलपॉक्स जैसी बीमारियों को खत्म करने में सफलता पाई है, अब हमें टीबी के खिलाफ भी इसी तरह की प्रतिबद्धता दिखानी होगी।"
🔹 निःक्षय मित्र योजना और सरकार की पहल
राष्ट्रपति ने "निःक्षय मित्र योजना" की सराहना की, जिसके तहत लोग टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी देखभाल और पोषण में मदद कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत लाखों मरीजों को प्रोटीनयुक्त भोजन, दवाइयां और मानसिक सहयोग मिल रहा है।
इसके अलावा, सरकार टीबी मुक्त पंचायत अभियान, घर-घर स्क्रीनिंग, मुफ्त दवाएं और पोषण सहायता जैसी योजनाओं के जरिए इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।
🔹 समाज की भागीदारी और जागरूकता की जरूरत
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सरकार की योजनाओं के साथ-साथ समाज की भागीदारी भी बेहद जरूरी है। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों, गैर-सरकारी संगठनों (NGO) और नागरिकों से अपील की कि वे टीबी के बारे में जागरूकता फैलाएं और मरीजों के साथ भेदभाव न करें।
उन्होंने कहा,
"टीबी से लड़ाई सिर्फ डॉक्टरों और सरकार की नहीं है, बल्कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है। अगर हम एकजुट होकर काम करें, तो 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बना सकते हैं।"
🔹 तकनीक और रिसर्च से टीबी के खिलाफ मजबूत लड़ाई
राष्ट्रपति ने बताया कि भारत नए टीबी टीकों, आधुनिक जांच तकनीकों और डिजिटल हेल्थ समाधानों पर तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित जांच, जीन एक्सपर्ट टेस्ट और मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं से टीबी के मामलों का तेजी से पता लगाया जा रहा है।
🔹 निष्कर्ष
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह बयान भारत की टीबी मुक्त मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे न केवल खुद जागरूक बनें, बल्कि दूसरों को भी शिक्षित करें और सरकार के प्रयासों का समर्थन करें।
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