विकसित भारत: गांव + शहर का संतुलित विकास
ग्रामीण भारत: आत्मनिर्भर गांवों की दिशा में मजबूत कदम
1. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
- अब तक 3 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्के घर मिले।
- वर्ष 2024-25 में 1.7 करोड़ नए घर बनाने का लक्ष्य।
- हर घर में बिजली, शौचालय और पेयजल सुविधा सुनिश्चित।
2. जल जीवन मिशन
- 2019 में लॉन्च की गई इस योजना के तहत 13 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाया गया।
- 2024 तक हर घर जल का लक्ष्य।
- राज्यों को 3.6 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित।
3. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY)
- अब तक 7.5 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई जा चुकी हैं।
- 90% से अधिक गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ा गया।
- हर गांव तक पक्की सड़क और सार्वजनिक परिवहन सुविधा।
4. कृषि एवं किसान कल्याण योजनाएं
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता।
- माइक्रो इरिगेशन फंड के तहत 5,000 करोड़ रुपये की मंजूरी, जिससे 20 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर सिंचाई सुविधा विकसित।
- किसान रेल योजना: अब तक 5,000 से अधिक किसान रेलें चलाई गईं, जिससे 20 लाख टन से अधिक कृषि उत्पादों का परिवहन हुआ।
5. डिजिटल इंडिया और ग्रामीण कनेक्टिविटी
- भारतनेट प्रोजेक्ट: अब तक 2.5 लाख ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क।
- डिजिटल साक्षरता अभियान: 3 करोड़ से अधिक ग्रामीण युवाओं को डिजिटल शिक्षा।
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा, 80% से अधिक ग्रामीण व्यापारियों ने डिजिटल लेनदेन को अपनाया।
6. स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार
- आयुष्मान भारत योजना: 55 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज।
- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र: अब तक 1.5 लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का अपग्रेडेशन।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 6,000 से अधिक स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम।
शहरी भारत: स्मार्ट सिटीज़ और बुनियादी ढांचे का नया युग
1. स्मार्ट सिटी मिशन
- 2015 में शुरू हुए इस मिशन के तहत 100 स्मार्ट शहरों का विकास।
- 6,000 से अधिक इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित।
- 100% LED स्ट्रीट लाइट्स और स्मार्ट ग्रीन बिल्डिंग्स का निर्माण।
2. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)
- अब तक 1.25 करोड़ से अधिक गरीबों को घर दिए गए।
- शहरी झुग्गी-झोपड़ियों के पुनर्विकास के लिए 2.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश।
- 2025 तक हर परिवार के पास खुद का पक्का मकान।
3. मेट्रो और शहरी परिवहन
- 2014 में भारत में 5 शहरों में मेट्रो थी, 2025 में 27 शहरों में मेट्रो सेवा उपलब्ध।
- 600+ किलोमीटर से अधिक नई मेट्रो लाइनें चालू।
- 75 नए रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और बस रूट्स विकसित।
4. अमृत योजना (AMRUT) – स्वच्छ और हरित शहर
- 500 शहरों में जल आपूर्ति और सीवेज सुधार के लिए 77,000 करोड़ रुपये का निवेश।
- 20,000 से अधिक ग्रीन पार्क और सार्वजनिक क्षेत्र विकसित।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत 10 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण।
5. डिजिटल इंडिया और शहरी सेवाएं
- e-Governance के तहत 4,000 से अधिक शहरी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध।
- डिजिटल ट्रांजैक्शन में 500% वृद्धि, जिससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा।
- स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम से शहरी जाम और प्रदूषण में 30% तक की कमी।
गांव और शहर का संतुलित विकास: भारत के विकसित होने की नींव
1. ग्रामीण और शहरी कनेक्टिविटी में सुधार
- भारतमाला परियोजना के तहत 35,000 किलोमीटर से अधिक हाईवे निर्माण।
- राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों का समेकित नेटवर्क तैयार।
- रेलवे आधुनिकीकरण के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश।
2. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत
- 50,000 से अधिक MSMEs को फंडिंग और डिजिटल सुविधाएं।
- स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत 1 लाख से अधिक नए स्टार्टअप्स पंजीकृत।
- ई-कॉमर्स, डिजिटल बैंकिंग और लोकल उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच।
3. हरित भारत और स्वच्छ ऊर्जा
- सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश।
- ग्रीन एनर्जी मिशन के तहत 2030 तक 50% ऊर्जा अक्षय स्रोतों से।
- 2 करोड़ से अधिक घरों में सौर ऊर्जा पैनल की स्थापना।
निष्कर्ष: भारत का भविष्य – संतुलित विकास के साथ
भारत का विकास केवल शहरीकरण से नहीं, बल्कि गांव और शहर के समेकित उत्थान से संभव है। सरकार की योजनाओं से अब न केवल शहर, बल्कि गांव भी डिजिटल और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में "गांव + शहर" की रणनीति अहम भूमिका निभाएगी।
"विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। गांव और शहर, दोनों के संतुलित विकास से ही भारत एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनेगा।" – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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