इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए 23 हजार करोड़ रुपये की नई स्कीम को मिली मंजूरी
28 मार्च 2025: भारत सरकार ने देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22,919 करोड़ रुपये की इस नई स्कीम को स्वीकृति दी, जिसका उद्देश्य गैर-सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
स्कीम के प्रमुख बिंदु:
- योजना का कुल बजट: 22,919 करोड़ रुपये
- संभावित निवेश: 59,350 करोड़ रुपये
- नौकरी के अवसर: 91,600 प्रत्यक्ष रोजगार
- मुख्य क्षेत्र: दूरसंचार, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, चिकित्सा उपकरण, ऊर्जा
- लक्ष्य: घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करना
सरकार की रणनीति और उद्देश्य
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस स्कीम के तहत निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक घटकों (Passive Electronic Components) के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ये घटक बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कई महत्वपूर्ण उद्योगों जैसे टेलीकॉम, मेडिकल डिवाइसेज़, ऑटोमोबाइल और ऊर्जा सेक्टर में उपयोग किए जाते हैं।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार का विकास
इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ELCINA) के अनुसार, 2022 में भारत में गैर-सेमीकंडक्टर कलपुर्जों का उत्पादन लगभग 13 अरब डॉलर था। यह 2026 तक 20.7 अरब डॉलर और 2030 तक 37 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इस योजना के तहत, सरकार घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है ताकि विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सके और भारत को वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का हब बनाया जा सके।
आयात पर निर्भरता होगी कम
इस योजना के लागू होने से भारत में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे आयात पर निर्भरता में कमी आएगी। वर्तमान में, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए कई कलपुर्जों का आयात करता है, लेकिन सरकार की इस नई पहल से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और लागत भी कम होगी।
अर्थव्यवस्था और रोज़गार पर प्रभाव
इस योजना से न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। सरकार का मानना है कि इससे प्रत्यक्ष रूप से 91,600 नौकरियां उत्पन्न होंगी, जो भारतीय युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है।
निष्कर्ष
भारत सरकार की यह नई योजना देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि भारतीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
सरकार की इस पहल से भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी और आने वाले वर्षों में इसका व्यापक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
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