भारत-अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क को लेकर समझौता संभव, जानें पूरी डील
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क को लेकर अहम वार्ता जारी है। भारत सरकार ने अमेरिका से आयातित $23 अरब मूल्य के उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने पर विचार किया है, जिससे $66 अरब तक भारतीय निर्यात को सुरक्षा मिल सकती है। यह कदम अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल 2025 से लागू किए जाने वाले जवाबी शुल्क के प्रभाव को कम करने के लिए उठाया जा रहा है।
क्या है समझौते का उद्देश्य?
- अमेरिका के संभावित प्रतिशोधी शुल्क को रोकना
- भारतीय वस्तुओं की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना
- 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को $500 अरब तक ले जाना
- टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, फार्मा और आईटी सेक्टर को बढ़ावा देना
किन प्रोडक्ट्स पर मिलेगा फायदा?
समझौते से किन सेक्टर्स को नुकसान हो सकता है?
कुछ संवेदनशील सेक्टरों जैसे डेयरी, गेहूं, मक्का और मांस को इस डील से बाहर रखा गया है, जिससे भारत में इन उद्योगों को कोई नकारात्मक प्रभाव न झेलना पड़े।
भारत को क्या फायदा मिलेगा?
✔ अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यात को बढ़ावा
✔ टेक्सटाइल और ऑटो इंडस्ट्री के लिए नए अवसर
✔ ट्रेड बैलेंस को सुधारने का मौका
✔ भारतीय निर्माताओं को कम लागत पर कच्चा माल उपलब्ध होगा
अमेरिका की मांगें क्या हैं?
- भारत अपने कृषि बाजार को अधिक खोले
- आयात शुल्क में व्यापक कटौती करे
- डिजिटल ट्रेड और ई-कॉमर्स नियमों में सुधार करे
क्या यह डील सफल होगी?
भारत और अमेरिका के बीच वार्ता सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। यदि यह समझौता सफल रहा, तो यह भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल को मजबूत करेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ देगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
- "यह डील भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर को बूस्ट कर सकती है, जिससे हमारी जीडीपी में बड़ा योगदान होगा।" – डॉ. अरविंद पांडे, ट्रेड एक्सपर्ट
- "अगर भारत कृषि क्षेत्र की रियायतों को सीमित रखता है, तो यह सौदा संतुलित रहेगा।" – नीति आयोग
निष्कर्ष
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अंतिम चरण में है, जिससे दोनों देशों को फायदा होने की उम्मीद है। व्यापार शुल्क में संभावित कटौती से भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी और अमेरिका के साथ आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।


