ट्रंप का भारत पर 27% जवाबी शुल्क: अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों पर क्या पड़ेगा असर?
भूमिका: ट्रंप का बयान और व्यापारिक प्रतिक्रिया
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 में पुनः रिपब्लिकन उम्मीदवार बने डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा:
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे अच्छे मित्र हैं, लेकिन भारत हमारे उत्पादों पर 52% शुल्क लगाता है — यह अनुचित है। इसी कारण हम 27% जवाबी शुल्क लगा रहे हैं।"
यह बयान उस समय आया जब अमेरिका ने व्यापार घाटे को कम करने के उद्देश्य से कुछ देशों पर Reciprocal Tariffs यानी जवाबी शुल्क लागू करने की घोषणा की। भारत उनमें से एक है।
भारत-अमेरिका व्यापार: एक नजर आंकड़ों पर
भारत अमेरिका के लिए चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है।
ट्रंप के 27% शुल्क का असर किन भारतीय उद्योगों पर?
1. रत्न एवं आभूषण उद्योग (Gems & Jewellery)
- अमेरिका भारत से सबसे ज्यादा हीरे, सोने के आभूषण और सिल्वर आइटम्स आयात करता है।
- नए शुल्क से इस क्षेत्र को $6.2 बिलियन तक का नुकसान हो सकता है।
- गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के MSME सेक्टर पर गंभीर असर।
2. टेक्सटाइल और परिधान (Textile & Apparel)
- ट्रंप की नीति से भारत को बांग्लादेश और वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ने का खतरा।
- अमेरिका भारत के कपड़ों पर 9% ड्यूटी पहले से लगाता था, जो अब 27% हो सकती है।
3. इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी
- भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, मोटर्स, इंजन, और केमिकल उपकरण पर शुल्क बढ़ने की आशंका।
- इस सेक्टर का कुल एक्सपोर्ट मूल्य $12.4 बिलियन है।
कौन से क्षेत्र बचे रहेंगे?
1. फार्मास्युटिकल्स
- भारत का अमेरिका को फार्मा निर्यात $8 बिलियन से अधिक का है।
- FDA अप्रूव्ड जेनेरिक दवाओं पर कोई नया शुल्क नहीं लगाया गया है।
- यह भारत के लिए राहत की बात है।
2. सेमीकंडक्टर्स और आईटी सेवा क्षेत्र
- अमेरिका भारतीय IT कंपनियों को अपने सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में शामिल करना चाहता है।
- यह क्षेत्र इस शुल्क से अप्रभावित रहेगा और भारत को प्रोत्साहन मिलेगा।
राजनीतिक और कूटनीतिक निहितार्थ
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने कहा है कि वह "शुल्क समीक्षा की प्रक्रिया और वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO)" के नियमों के अनुसार अपनी प्रतिक्रिया देगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे "द्विपक्षीय व्यापार संतुलन में अस्थायी झटका" बताया।
ट्रंप और मोदी के रिश्ते
ट्रंप ने मोदी को "True friend" बताया, लेकिन साथ ही भारत की टैरिफ नीतियों की आलोचना की। इससे साफ है कि व्यक्तिगत मित्रता और राष्ट्रहित के फैसले अलग-अलग चलते हैं।
क्या भारत व्यापार युद्ध की ओर बढ़ रहा है?
भारत हाल के वर्षों में अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों को गहरा कर रहा है:
- QUAD साझेदारी
- iCET (Initiative on Critical and Emerging Technologies) समझौता
- FDI और रक्षा सौदे
परंतु, यदि शुल्क युद्ध और गहराया, तो भारत यूरोप, दक्षिण एशिया और मिडल ईस्ट जैसे बाजारों की ओर अपने निर्यात का रुख मोड़ सकता है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका अन्य देशों पर भी जवाबी शुल्क लगाता है, तो वैश्विक व्यापार 0.8% तक घट सकता है।
- Dow Jones और NASDAQ जैसे इंडेक्स में गिरावट देखी गई है।
आगे क्या रास्ता?
- भारत को चाहिए कि वह व्यापार संतुलन, टैक्स व्यवस्था और WTO नीतियों का विश्लेषण करे।
- एक संतुलित शुल्क नीति बनाकर अमेरिका से बातचीत की रणनीति बनाए।
- साथ ही घरेलू उद्योगों को राहत पैकेज, निर्यात सब्सिडी और वैकल्पिक बाजारों तक पहुंच दिलानी चाहिए।


