Covid-19 Lab Leak: वुहान लैब से फैला वायरस? White House ने China को ठहराया दोषी

 व्हाइट हाउस का बड़ा दावा: कोविड-19 की शुरुआत वुहान लैब से, बाइडन और फाउची पर सच्चाई छिपाने का आरोप

व्हाइट हाउस का बड़ा दावा: कोविड-19 की शुरुआत वुहान लैब से, बाइडन और फाउची पर सच्चाई छिपाने का आरोप

वॉशिंगटन | WORLD HEADLINES | 20 अप्रैल 2025

कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति को लेकर वर्षों से चल रही बहस अब एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में व्हाइट हाउस ने हाल ही में एक नई वेबसाइट लॉन्च की है, जिसमें चीन के वुहान स्थित लैब को कोरोना वायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इस कदम ने वुहान लैब से जुड़ी थ्योरी ने दोबारा वैश्विक चर्चा को नया मोड़ दे दिया है।

व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर 'लैब लीक' थ्योरी को मिली जगह

व्हाइट हाउस द्वारा शुरू की गई इस वेबसाइट पर "लैब लीक: कोविड-19 की असली उत्पत्ति" नामक एक पेज समर्पित किया गया है। इस पेज पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर के साथ एक बैनर दिखाई देता है जिसमें कहा गया है कि वायरस की उत्पत्ति वुहान की एक जैविक प्रयोगशाला से हुई।

इस वेबसाइट का उद्देश्य उन तथ्यों को उजागर करना है, जो यह दर्शाते हैं कि कोविड-19 किसी प्राकृतिक स्त्रोत से नहीं, बल्कि एक लैब दुर्घटना का परिणाम था। साइट पर अमेरिका की खुफिया एजेंसियों, विशेष रूप से सीआईए की हालिया रिपोर्टों का हवाला दिया गया है, जिनमें लैब लीक की संभावना को नकारा नहीं गया है।

बाइडन और डॉ. फाउची पर गंभीर आरोप

वेबसाइट पर सबसे बड़ा हमला पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉ. एंथनी फाउची पर किया गया है। आरोप है कि इन दोनों ने कोरोना की उत्पत्ति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को छिपाया और जनमानस को भ्रमित किया। वेबसाइट पर यह तक कहा गया है कि पिछली डेमोक्रेट सरकार ने सच को छुपाने और लैब लीक थ्योरी को बदनाम करने के लिए मीडिया और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर अभियान चलाया।

डेमोक्रेटिक पार्टी और मीडिया भी निशाने पर

सिर्फ बाइडन और फाउची ही नहीं, बल्कि पूरी डेमोक्रेटिक पार्टी और प्रमुख अमेरिकी मीडिया संस्थान भी इस आलोचना के दायरे में हैं। वेबसाइट पर लिखा गया है कि इन संस्थानों ने वैकल्पिक उपचारों, जैसे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन और आइवरमेक्टिन, को वैज्ञानिक समर्थन के बावजूद खारिज किया और वायरस की वास्तविक उत्पत्ति की जांच को दबा दिया।

सीआईए की रिपोर्ट ने दिए संकेत

वेबसाइट पर जिस रिपोर्ट का ज़िक्र किया गया है, वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की है। रिपोर्ट में यह संकेत दिए गए हैं कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में नवंबर 2019 में कुछ असामान्य गतिविधियां देखी गई थीं। इसमें वैज्ञानिकों की गतिविधियों, डेटा एक्सेस में बदलाव और शोध संस्थान के भीतर सुरक्षा प्रोटोकॉल में असामान्य बदलाव जैसे बिंदुओं का उल्लेख किया गया है।

क्या कहता है चीन?

चीन ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे "राजनीतिक स्टंट" करार दिया है। बीजिंग ने ट्रंप और अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी पर आरोप लगाया कि वे वैज्ञानिक तथ्यों की अनदेखी कर चीन के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर हमें निष्पक्ष और वैज्ञानिक जांच की आवश्यकता है, न कि राजनीति से प्रेरित आरोपों की।”

WHO की प्रतिक्रिया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस बहस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। WHO के मुताबिक, अभी तक वायरस की उत्पत्ति को लेकर कोई निर्णायक प्रमाण सामने नहीं आया है। WHO ने कहा कि "हमें सभी संभावनाओं को वैज्ञानिक तरीके से जांचने की जरूरत है और किसी एक निष्कर्ष पर बिना ठोस प्रमाण के पहुंचना उचित नहीं होगा।"

राजनीति या सच्चाई की खोज?

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह वेबसाइट ट्रंप के 2024 चुनाव अभियान की रणनीति का हिस्सा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिससे न सिर्फ उन्हें राजनीतिक लाभ मिल सकता है, बल्कि वह जनता के बीच 'सत्य के योद्धा' के रूप में अपनी छवि को भी मज़बूत कर सकते हैं।

वहीं, आलोचकों का मानना है कि यह सब एक व्यवस्थित अभियान है जो वैज्ञानिक समुदाय और जनमानस को भ्रमित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।

कोविड-19: एक वैश्विक त्रासदी

यह बात निर्विवाद है कि कोविड-19 महामारी ने मानव इतिहास में अभूतपूर्व संकट खड़ा किया। करोड़ों लोगों की जान गई, अर्थव्यवस्थाएं चरमराईं और सामाजिक ताने-बाने को गहरा धक्का लगा। ऐसे में यह जानना निहायत जरूरी है कि इस वायरस की असल शुरुआत कहां और कैसे हुई।

अगर यह सिद्ध होता है कि वायरस वुहान की लैब से निकला था, तो यह वैश्विक जैव सुरक्षा मानकों की गहन समीक्षा और सुधार की मांग करेगा।


क्या दुनिया को मिलेगा सच?

व्हाइट हाउस द्वारा प्रस्तुत लैब लीक थ्योरी पर आधारित वेबसाइट ने एक बार फिर कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर बहस को नया मोड़ दिया है। जहां एक पक्ष इसे सच्चाई की खोज बता रहा है, वहीं दूसरा इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा करार दे रहा है।

परंतु अंततः यही कहा जा सकता है कि जब तक वैज्ञानिक तथ्यों और निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच के आधार पर निर्णय नहीं होता, तब तक इस बहस का कोई स्पष्ट अंत नहीं होगा।

दुनिया को आज पारदर्शिता, ईमानदारी और सहयोग की जरूरत है — राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप की नहीं।


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