ISRO की नई तकनीक से बिजली गिरने की सटीक चेतावनी, हजारों लोगों की जान बचेगी!

 ISRO की NEW TECHNOLOGY : अब पहले से मिलेगी बिजली गिरने की अनुमानजनक चेतावनी, हजारों लोगों की जान बचाने में करेगा मदद

ISRO की नई तकनीक से बिजली गिरने की सटीक चेतावनी, हजारों लोगों की जान बचेगी!

      भारत अब प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए और भी ज्यादा तैयार हो रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक अत्याधुनिक प्रणाली विकसित की है, जिससे अब देशभर में बिजली गिरने से पहले ही सटीक चेतावनी मिल सकेगी। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य बिजली गिरने से होने वाली जान-माल की हानि को कम करना और लोगों को सुरक्षित रखना है। यह इनोवेशन किसानों, ग्रामीण इलाकों, ट्रांसपोर्ट सेक्टर और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के लिए वरदान साबित हो सकता है।

कैसे कार्य करेगी ISRO की बिजली चेतावनी तकनीक?

ISRO ने इस नए प्रणाली के विकास के लिए उपग्रहों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी नयी आयाम की तकनीकों का हाथ बढ़ाया है। यह प्रणाली विभिन्न वायुमंडलीय गतिविधियों, जलवायु परिवर्तन और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में हो रहे बदलावों का ध्यान रखेगी और उनकी गहन विश्लेषण करेगी।


  •  सैटेलाइट आधारित निगरानी: ISRO के INSAT-3DR और RISAT-1A जैसे उपग्रह बिजली गिरने के पैटर्न पर नज़र रखेंगे।
  • AI और मशीन लर्निंग: भविष्य में बिजली गिरने की घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए पिछली घटनाओं का विश्लेषण किया जाएगा।
  •  रीयल-टाइम अलर्ट: जनता को सतर्क करने के लिए मोबाइल नोटिफिकेशन, रेडियो, टीवी और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के माध्यम से अलर्ट दिया जाएगा।
  •  फायदेमंद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में: किसानों, जो खेतों में काम कर रहे हैं, मछुआरों, ट्रांसपोर्ट और निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को विशेष रूप से सुरक्षा मिलेगी।

 भारत में बिजली गिरने से हर साल कितनी मौतें होती हैं?

भारत में बिजली गिरने के कारण हर साल हजारों लोग मरते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार:

  •  2024 में: 2,500+ मौतें भारत में बिजली गिरने के कारण हुईं।
  •  2023 में: यह संख्या 2,800+ तक पहुंच गई थी।
  • 2022 में: कुछ 3,000 लोगों की मौत बिजली गिरने के कारण हो गई थी।

 सबसे अधिक प्रभावित राज्य:-

  • बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और मध्य प्रदेश बिजली गिरने की घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
  • जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गर्मी के कारण बिजली गिरने की घटनाओं में 30% की वृद्धि हुई है।

 कैसे मिलेगी बिजली गिरने की चेतावनी?

ISRO और IMD ने मिलकर एक स्मार्ट अलर्ट सिस्टम विकसित किया है, जो कई माध्यमों से जनता को सतर्क करेगा:-

  •  मोबाइल ऐप और SMS अलर्ट: "Damini Lightning Alert" ऐप को अपग्रेड करके इसरो की नई तकनीक जोड़ी जाएगी।
  •  साइरन और लाउडस्पीकर अलर्ट: ग्रामीण क्षेत्रों में चेतावनी साइरन के माध्यम से दी जाएगी।
  •  टीवी और रेडियो प्रसारण: दूरदर्शन और FM रेडियो चैनल पर विशेष अलर्ट जारी किया जाएगा।
  •  स्मार्टफोन नोटिफिकेशन: Google और Apple के सहयोग के साथ इस सिस्टम को आपातकालीन अलर्ट (Emergency Alert System) में डाला जा सकता है।

 वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की राय:-

 ISRO प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ:-

"यह तकनीक भारत में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और हजारों लोगों की जान बचाने में मदद करेगी।"

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के प्रमुख डॉ. मृत्युंजय महापात्रा:-

"बिजली गिरने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, ऐसे में इसरो की नई प्रणाली लोगों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगी।"

 जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार:-

"ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते वायुमंडलीय अस्थिरता बढ़ रही है, जिससे बिजली गिरने की घटनाओं में तेजी आई है। इसरो की नई तकनीक से इन घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है।"

सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियों की योजनाएं:-

भारत सरकार राष्ट्रीय स्तर पर बिजली गिरने की चेतावनी प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रही है:

✔️ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ग्रामीण इलाकों में इस तकनीक को लागू करेगा।

✔️ कृषि मंत्रालय किसानों के लिए नई गाइडलाइंस जारी करेगा।

✔️ राज्य सरकारें इस तकनीक को आपदा प्रबंधन केंद्रों से जोड़ेंगी। 

 ISRO की अन्य प्रमुख उपलब्धियां:-

  •  "Gaganyaan मिशन" – भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन जल्द लॉन्च होगा।
  •  "चंद्रयान-4" – चंद्रमा पर और गहन शोध के लिए नई योजना तैयार।
  •  "भू-आधारित जलवायु निगरानी प्रणाली" – बाढ़ और सूखे की भविष्यवाणी करने में मददगार।

 एक और वैज्ञानिक सफलता भारत को मिली!

ISRO की इस न्यू तकनीक से न केवल हजारों लोगों की जान बचेगी, बल्कि भारत की आपदा प्रबंधन प्रणाली को भी और मजबूत होगी। इस तकनीक के द्वारा बिजली गिरने की घटनाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकेगे।

यह कदम भारत को "डिजिटल और स्मार्ट आपदा प्रबंधन" की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाएगा। 

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