प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की 20वीं किस्त 2025: किसानों को कब मिलेगा ₹2000, जानिए हर जरूरी जानकारी
भारत में कृषि क्षेत्र backbone माना जाता है, और छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। इन्हीं में से एक बेहद लोकप्रिय और प्रभावशाली योजना है "प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना" जिसे हम PM-KISAN के नाम से जानते हैं। यह योजना किसानों को सालाना ₹6000 की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जो तीन किस्तों में किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। वर्तमान में किसान समुदाय की निगाहें इस योजना की 20वीं किस्त पर टिकी हुई हैं। सरकार द्वारा अब तक 19 किस्तें सफलतापूर्वक जारी की जा चुकी हैं, और अब सवाल यह है कि 20वीं किस्त कब आएगी, किसे मिलेगा इसका लाभ, और कैसे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी ₹2000 की राशि न रुके।
सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि PM-KISAN योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य देश के छोटे एवं सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल ₹6000 की राशि तीन समान किश्तों में दी जाती है – पहली किस्त अप्रैल से जुलाई के बीच, दूसरी किस्त अगस्त से नवंबर के बीच और तीसरी किस्त दिसंबर से मार्च के बीच ट्रांसफर की जाती है। 2025 की 20वीं किस्त इसी क्रम में जारी की जाएगी, और अनुमान है कि यह किस्त मई या जून 2025 में किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पिछली किस्तों के पैटर्न और DBT रिकॉर्ड के आधार पर यही संभावना जताई जा रही है।
अगर आप इस योजना के लाभार्थी हैं और आपने पिछली किस्त प्राप्त की है, तो यह जरूरी है कि आपने अपनी e-KYC प्रक्रिया पूरी की हो, आपका बैंक खाता सक्रिय हो और वह आपके आधार कार्ड से लिंक हो। ऐसा नहीं होने पर आपको इस किस्त का लाभ मिलने में बाधा आ सकती है। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब e-KYC अनिवार्य है, और बिना इसके कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। e-KYC करने के लिए आप pmkisan.gov.in पर जाकर अपने आधार नंबर और मोबाइल OTP के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके अलावा CSC सेंटर से भी यह कार्य किया जा सकता है।
20वीं किस्त का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। सबसे पहले, किसान के पास 2 हेक्टेयर या उससे कम भूमि होनी चाहिए। दूसरा, वह भारत का नागरिक हो और खेती करने वाला वास्तविक किसान हो। तीसरा, उसके नाम भूमि का वैध रिकॉर्ड होना चाहिए, और चौथा, उसका नाम राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित लाभार्थी सूची में होना चाहिए। इसके अलावा जिन किसानों ने आयकर रिटर्न फाइल किया है, वे इस योजना से वंचित रहते हैं। केंद्र और राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारियों, नगर निगमों, पीएसयू और अन्य सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों को भी इस योजना का लाभ नहीं दिया जाता।
कई बार किसान यह शिकायत करते हैं कि उन्हें पिछली किस्त नहीं मिली या किस्त का भुगतान अटका हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण है आधार-बैंक लिंकिंग की त्रुटि या e-KYC न होना। ऐसे में यह जरूरी है कि किसान समय पर सभी दस्तावेज अपडेट कराएं और योजना की वेबसाइट पर जाकर अपने नाम और भुगतान स्थिति की जांच करते रहें। आप https://pmkisan.gov.in पर जाकर "Beneficiary Status" विकल्प पर क्लिक करें और अपना आधार नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करें। इसके बाद आपको यह जानकारी मिल जाएगी कि आपकी किस्त आई है या नहीं, भुगतान की तिथि क्या थी और अगली किस्त की स्थिति क्या है।
PM-KISAN योजना के तहत अब तक करोड़ों किसानों को लाभ मिल चुका है। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 11 करोड़ से अधिक किसानों को इस योजना की विभिन्न किस्तों का लाभ मिला है। यह योजना भारत के किसानों के लिए न केवल एक आर्थिक मदद है, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। 20वीं किस्त की उम्मीद अब किसानों के लिए उत्साहजनक है, लेकिन इसके लिए उन्हें पहले सभी आवश्यक कार्य जैसे e-KYC, बैंक खाता सत्यापन और दस्तावेज अपडेटिंग जैसे कार्य समय पर पूरे करने होंगे।
सरकार किसानों की सहायता के लिए कई सुविधाएं भी दे रही है, जैसे PM-KISAN टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (1800-115-526) और ईमेल सपोर्ट (pmkisan-ict@gov.in)। इसके अलावा किसान https://pmkisan.gov.in पोर्टल पर जाकर न सिर्फ अपनी स्थिति की जानकारी ले सकते हैं, बल्कि नई आवेदन प्रक्रिया, लाभार्थी सूची, योजना के दिशा-निर्देश और FAQs भी पढ़ सकते हैं। अगर किसी किसान का नाम लाभार्थी सूची में नहीं है लेकिन वह पात्र है, तो वह अपने पंचायत सचिव, पटवारी या लेखपाल के पास जाकर आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकता है और योजना में पुनः नाम दर्ज करा सकता है।
PM-KISAN योजना की पारदर्शिता और तकनीकी इंटीग्रेशन भी उल्लेखनीय है। डिजिटल इंडिया अभियान के तहत यह योजना पूरी तरह डिजिटल है और किसानों को भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाता है। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है और किसानों को बिना किसी भ्रष्टाचार के लाभ मिल पाता है।
इस लेख के अंत में किसानों के लिए यही सलाह दी जा सकती है कि वे समय रहते सभी दस्तावेज अपडेट करें, e-KYC की प्रक्रिया पूरी करें और अपने मोबाइल नंबर एवं बैंक खातों को योजना से जुड़े रखें। इसके अलावा, वे सरकार की ओर से दी जा रही किसी भी नई सूचना या अपडेट को नियमित रूप से PM Kisan पोर्टल या स्थानीय कृषि कार्यालय से प्राप्त करें। इससे उन्हें समय पर ₹2000 की 20वीं किस्त का लाभ मिल सकेगा और भविष्य में भी योजना से जुड़ी सहायता मिलती रहेगी।
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