प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने पूरे किए 10 वर्ष: छोटे व्यवसायों को मिली नई उड़ान
नई दिल्ली, अप्रैल 2025 – भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने 10 वर्षों का सफर पूरा कर लिया है। यह योजना देश के सूक्ष्म, लघु और गैर-कॉर्पोरेट उद्यमों को वित्तीय सहायता देकर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है।
क्या है प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY)?
प्रधान मंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था उन छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, जिन्हें पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली से ऋण प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
योजना के प्रमुख लक्ष्य:
- गैर-कृषि और गैर-कॉर्पोरेट सूक्ष्म व लघु उद्यमों को वित्तीय सहायता देना।
- ऋण को जमानत-मुक्त और सुलभ बनाना।
- स्वरोजगार, नवाचार और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देना।
PMMY के अंतर्गत ऋण की श्रेणियां
ऋण देने वाले संस्थान (MLIs)
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs)
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs)
- सूक्ष्म वित्त संस्थान (MFIs)
ये सभी संस्थान पात्र लाभार्थियों को 20 लाख रुपये तक का गारंटी-फ्री लोन प्रदान करते हैं।
10 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियाँ
1. ऋण वितरण का नया कीर्तिमान
- अब तक 52 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत।
- कुल वितरण राशि ₹32.61 लाख करोड़ के पार।
2. MSME क्षेत्र को मिला बड़ा समर्थन
- वित्त वर्ष 2014 में MSMEs को ₹8.51 लाख करोड़ का ऋण मिला था।
- 2024 में यह बढ़कर ₹27.25 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
- 2025 तक ₹30 लाख करोड़ का आंकड़ा पार करने की संभावना।
3. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
- कुल लाभार्थियों में 68% महिलाएं।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिला नेतृत्व वाले उद्यमों में वृद्धि।
4. सामाजिक समावेशन का उदाहरण
- 50% लाभार्थी अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से।
- 11% लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदायों से।
PMMY: आर्थिक लोकतंत्र का मजबूत आधार
प्रधान मंत्री मुद्रा योजना ने ग्रामीण भारत से लेकर शहरी बस्तियों तक, युवाओं, महिलाओं और समाज के पिछड़े वर्गों को आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया है। इस योजना ने लाखों लोगों को रोज़गार के साधन, नई पहचान, और आत्मनिर्भरता का अवसर दिया है।
PMMY की अगली दिशा
सरकार अब इस योजना के तहत डिजिटल लोन प्रोसेसिंग, AI आधारित स्कोरिंग सिस्टम, और फाइनेंशियल लिटरेसी कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही है, ताकि अधिक पारदर्शिता और गति के साथ ऋण वितरण किया जा सके।


