Project Lion ki सफलता: Asiatic Lions की Population 891 तक पहुंची in 2025 Census

भारत में एशियाई शेरों की आबादी में रिकॉर्ड वृद्धि: 674 से बढ़कर 891 — 'प्रोजेक्ट लायन' की सफलता की गूंज

Project Lion ki सफलता: Asiatic Lions की Population 891 तक पहुंची in 2025 Census

WORLD HEADLINES | पर्यावरण विशेष रिपोर्ट | 23 मई 2025

गिर की दहाड़ अब और बुलंद हो गई है। भारत में 2025 में आयोजित 16वीं एशियाई शेर गणना के मुताबिक, एशियाई शेरों (Panthera leo persica) की संख्या 674 से बढ़कर 891 तक पहुंच गई है। यह आंकड़े केवल शेरों की संख्या में वृद्धि नहीं दर्शाते, बल्कि एक पर्यावरणीय सफलता की कहानी भी बयां करते हैं। शेरों के निवास क्षेत्र में भी उल्लेखनीय विस्तार देखा गया है, जो ‘प्रोजेक्ट लायन’ की प्रभावशीलता का प्रमाण है।


गिर के जंगल से बाहर भी गूंज रही दहाड़

इस बार की गणना में एक विशेष बात यह रही कि गिर राष्ट्रीय उद्यान के बाहर भी शेरों की संख्या में वृद्धि हुई है। इससे यह संकेत मिलता है कि शेर अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अपने मूल क्षेत्र से बाहर निकलकर नए आवास क्षेत्रों में भी बस रहे हैं। यह जैव विविधता की दृष्टि से एक सकारात्मक संकेत है।

गुजरात वन विभाग हर पांच साल में यह गणना आयोजित करता है, और इस बार यह गणना तकनीकी दृष्टि से पहले से कहीं अधिक परिष्कृत रही। ड्रोन, रेडियो कॉलर और AI आधारित निगरानी प्रणालियाँ इस प्रक्रिया का हिस्सा थीं।


‘प्रोजेक्ट लायन’ की कहानी: शेरों की सुरक्षा का संकल्प

वर्ष 2020 में शुरू किए गए ‘प्रोजेक्ट लायन’ का उद्देश्य शेरों का दीर्घकालिक संरक्षण है ताकि वे अपनी पारिस्थितिकी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहें। यह पहल भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कुछ प्रमुख वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रमों में से एक है।

इसके अंतर्गत निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया है:

  • रेडियो कॉलरिंग एवं निगरानी तकनीक: शेरों की गतिविधियों की सटीक जानकारी के लिए उन्हें रेडियो कॉलर पहनाए गए हैं, ताकि उनके मूवमेंट्स को ट्रैक किया जा सके।
  • रोग प्रबंधन: शेरों में फैलने वाले संक्रमणों की रोकथाम के लिए दवाइयों, टीकाकरण और क्वारंटीन जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं।
  • प्राकृतिक आवास का विस्तार: गिर से बाहर के क्षेत्रों जैसे बर्दा वन्यजीव अभयारण्य को "दूसरा निवास स्थान" बनाने पर काम किया गया है।
Project Lion ki सफलता: Asiatic Lions की Population 891 तक पहुंची in 2025 Census



एशियाई शेर: गौरवशाली लेकिन संवेदनशील प्रजाति

एशियाई शेर अफ्रीकी शेरों की तुलना में आकार में थोड़े छोटे होते हैं। उनकी एक विशिष्ट विशेषता है — पेट के नीचे गर्दन से पूंछ तक फैली एक त्वचा की तह। इसके अतिरिक्त, नर शेरों की आयाल (माने) घनी नहीं होती, जिससे उनके कान साफ नजर आते हैं।

IUCN (International Union for Conservation of Nature) की रेड लिस्ट में एशियाई शेर को ‘Vulnerable’ श्रेणी में रखा गया है। भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में भी यह सूचीबद्ध है, जो इसे उच्चतम कानूनी संरक्षण प्रदान करता है।


नए आवास क्षेत्रों की खोज: ‘ग्रेटर गिर’ और ‘बर्दा’ की पहल

शेरों की बढ़ती आबादी को देखते हुए 'ग्रेटर गिर' की अवधारणा सामने आई, जिसके अंतर्गत गिर से बाहर के इलाकों में भी उपयुक्त आवास विकसित किए गए। बर्दा अभयारण्य इसका सबसे प्रमुख उदाहरण है।

साथ ही, मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में ‘एशियाटिक लायन रिइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट’ के तहत शेरों को बसाने की योजना प्रस्तावित है, जिससे शेरों का वितरण और अधिक संतुलित हो सके।


प्रौद्योगिकी का सहारा: निगरानी और सुरक्षा में डिजिटल शक्ति

शेरों की सुरक्षा और निगरानी के लिए कई आधुनिक टेक्नोलॉजी अपनाई गई हैं:

  • SIMBA (Smart Intelligent Monitoring Based Action): शेरों की गतिविधियों की AI आधारित निगरानी।
  • e-GujForest पोर्टल: डेटा संग्रहण और विश्लेषण का केंद्र।
  • Alert Generation System: किसी भी खतरे की स्थिति में तुरंत अलर्ट भेजने वाली प्रणाली।

शेरों की सुरक्षा को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन: IBCA की भूमिका

वर्ष 2023 में लॉन्च किया गया International Big Cats Alliance (IBCA) भी शेरों सहित सभी बिग कैट्स के वैश्विक संरक्षण में एक मजबूत पहल साबित हुआ है। भारत ने इस पहल में नेतृत्व करते हुए अन्य देशों को भी इसमें जोड़ने की कोशिश की है।


साइबर फ्रॉड रोकने की दिशा में भारत का डिजिटल कवच

जहां भारत वन्यजीव संरक्षण में सफलता की नई कहानी लिख रहा है, वहीं वित्तीय क्षेत्र में साइबर अपराधों को रोकने के लिए भी कई प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ प्रमुख पहलें इस प्रकार हैं:

1. Digital Intelligence Platform (DIP):

एक सुरक्षित और एकीकृत प्लेटफॉर्म जो रीयल-टाइम में खुफिया जानकारी साझा करता है, और कानून प्रवर्तन एजेंसियों तथा वित्तीय संस्थानों के बीच समन्वय स्थापित करता है।

2. संचार साथी पोर्टल पर 'चक्षु' सुविधा:

नागरिक अब किसी संदिग्ध कॉल, SMS या WhatsApp संदेश को रिपोर्ट कर सकते हैं, जिससे साइबर फ्रॉड की घटनाओं को कम किया जा सके।

3. MuleHunt Tool:

RBI द्वारा शुरू किया गया AI आधारित टूल, जो मनी म्यूल्स की पहचान करता है। बैंक और वित्तीय संस्थाओं को इसे उपयोग करने की सलाह दी गई है।

4. e-Zero FIR प्रणाली:

Cybercrime.gov.in या 1930 हेल्पलाइन पर 10 लाख रुपये से अधिक के फ्रॉड की शिकायतों को स्वत: FIR में बदलने वाली यह प्रणाली, पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाने में सहायक सिद्ध हो रही है।


WORLD HEADLINES का निष्कर्ष: शेरों की गूंज और डिजिटल सुरक्षा – दोनों में भारत का नेतृत्व

2025 में जहां गिर की गूंज 891 शेरों के साथ पहले से कहीं अधिक बुलंद है, वहीं भारत डिजिटल मोर्चे पर भी मजबूत पहरेदारी कर रहा है। एशियाई शेरों की वृद्धि न केवल वन्यजीव संरक्षण की सफलता की कहानी है, बल्कि यह हमारी जैविक और पारिस्थितिक विरासत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

यह केवल शेरों की दहाड़ नहीं, यह भारत के पर्यावरणीय भविष्य की हुंकार है।



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