Iran Israel War Update: फत्ताह मिसाइल अटैक से बदला युद्ध का चेहरा

Israel-Iran War 2025: जंग की आग और भड़की, फत्ताह मिसाइल से हमला, परमाणु युद्ध का मंडराता खतरा

Israel-Iran War 2025: जंग की आग और भड़की, फत्ताह मिसाइल से हमला, परमाणु युद्ध का मंडराता खतरा

युद्ध की ताज़ा स्थिति: 18 जून 2025 को क्या हुआ?

इसराइल-ईरान युद्ध 18 जून 2025 को और भीषण रूप ले चुका है। ताजा घटनाओं के अनुसार, ईरान ने इजराइल पर अत्याधुनिक हाइपरसोनिक ‘फत्ताह’ मिसाइलों से हमला किया है और दावा किया है कि इन मिसाइलों ने इजराइल के आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम को भेदते हुए कई सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया। ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इसे इजराइल की सैन्य कार्रवाई का जवाब बताया है।

वहीं, इजराइल ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए तेहरान समेत ईरान के कई शहरों में हवाई हमले किए। राजधानी समेत इस्फहान, शिराज और कुर्मनशाह में काले धुएं के गुबार देखे गए। इजराइली सेना ने दावा किया है कि उन्होंने ईरानी जनरल को मार गिराया है और कई मिसाइल हमलों को इंटरसेप्ट भी किया।


ईरान की चेतावनी और अमेरिका की प्रतिक्रिया

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट शब्दों में कहा है, “जंग शुरू हो गई है और यहूदी शासन (इजराइल) पर अब कोई रहम नहीं होगा।” इसके साथ ही ईरान ने इजराइल के तेल अवीव, यरुशलम और हाइफा जैसे शहरों को खाली करने की चेतावनी दी है।

उधर, अमेरिका ने अपने यरुशलम स्थित दूतावास को बुधवार से शुक्रवार तक बंद करने का ऐलान किया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण की चेतावनी दी है और युद्ध में सीधे हस्तक्षेप का संकेत दिया है।


सूचना युद्ध और इंटरनेट बंद

ईरान ने युद्ध की संवेदनशीलता को देखते हुए अपने कई शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं, ताकि सैन्य सूचनाएं लीक न हो सकें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ईरानी सैन्य गतिविधियों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसे सरकारी एजेंसियां सेंसर कर रही हैं।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और मध्य-पूर्व में तनाव

इस भयंकर टकराव पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। सऊदी अरब, कतर, ओमान और तुर्की जैसे देशों ने तुरंत संयम बरतने की अपील की है। वहीं, रूस और चीन ने इजराइल की कार्रवाई की आलोचना की है और युद्धविराम की आवश्यकता बताई है। अमेरिका खुलकर इजराइल के साथ खड़ा है, जिससे वैश्विक ध्रुवीकरण और तेज होता दिख रहा है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने आपातकालीन बैठक बुलाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस शांति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। युद्धविराम की संभावना क्षीण दिख रही है।


परमाणु टकराव का डर और नागरिक संकट

ईरान और इजराइल दोनों परमाणु हथियारों से लैस राष्ट्र हैं। ऐसे में यह डर लगातार बना हुआ है कि यदि हालात काबू से बाहर हुए, तो परमाणु हमला हो सकता है। इजराइल पहले ही संकेत दे चुका है कि अगर उसके अस्तित्व पर खतरा मंडराया, तो वह “नो चॉइस” की नीति अपना सकता है।

इधर नागरिकों के लिए हालात बेहद गंभीर हैं। हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर बंकरों और सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर चुके हैं। अस्पतालों पर बोझ बढ़ रहा है और कई इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित हो चुकी है।


फत्ताह मिसाइल: तकनीक की ताकत या विनाश का औजार?

ईरान द्वारा इस्तेमाल की गई ‘फत्ताह’ हाइपरसोनिक मिसाइल ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषकों को चौंका दिया है। इसकी गति Mach 13 (13 गुना ध्वनि की गति) बताई जा रही है और यह 1,400 किलोमीटर तक मार कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल आयरन डोम जैसी एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी को भेदने में सक्षम है।

यह पहली बार है जब किसी मुस्लिम राष्ट्र ने इस स्तर की मिसाइल का सीधा इस्तेमाल इजराइल के खिलाफ किया है, जो युद्ध के पैमाने को पूरी तरह बदल सकता है।


युद्ध का वैश्विक असर: तेल की कीमतों में उछाल, शेयर बाजार डगमगाए

इस युद्ध ने न केवल राजनीतिक स्थिरता को चुनौती दी है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी झकझोर दिया है। तेल के दाम $120 प्रति बैरल तक पहुंच चुके हैं, जिससे भारत, यूरोप और एशिया के देशों की महंगाई दर में उछाल आ रहा है।

शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई है—NASDAQ, Sensex, और FTSE में क्रमशः 3% से 5% तक की गिरावट दर्ज की गई है। निवेशक ‘सुरक्षित संपत्तियों’ जैसे गोल्ड और डॉलर की ओर भाग रहे हैं।


क्या आगे होगा?

मौजूदा स्थिति में कोई स्पष्ट समाधान नजर नहीं आ रहा है। अमेरिका के संभावित हस्तक्षेप, रूस-चीन की प्रतिक्रिया और इसराइल-ईरान की अनमोल धार्मिक और राजनीतिक दुश्मनी ने इस संघर्ष को और भी पेचीदा बना दिया है।

यदि जल्द ही कोई कूटनीतिक समाधान नहीं निकला, तो यह युद्ध केवल मध्य-पूर्व तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि विश्व युद्ध की आहट भी दे सकता है।


WORLD HEADLINES का नष्कर्ष:

इसराइल-ईरान युद्ध अब केवल दो देशों की लड़ाई नहीं रहा, यह पूरी मानवता और शांति व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। दुनिया को अब मिलकर यह निर्णय लेना होगा कि क्या वह युद्ध का साथ देगी या शांति की दिशा में कोई ठोस पहल करेगी।



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