Online Gaming Ban in India: पैसे से जुड़े गेमिंग एप्स पर रोक, उद्योग और खिलाड़ियों पर बड़ा असर
भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर ऐतिहासिक फैसला लिया है। हाल ही में लोकसभा में पारित “Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025” के तहत अब रियल मनी गेमिंग (Real Money Gaming) यानी पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेम पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।
इस कानून के बाद न तो कोई कंपनी ऐसा एप चला पाएगी और न ही खिलाड़ी ऐसे गेम डाउनलोड कर पाएंगे। साथ ही, बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों को भी निर्देश दिया गया है कि वे इन कंपनियों के साथ किसी भी तरह का लेन-देन न करें।
बिल के प्रमुख प्रावधान
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रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध
अब कोई भी स्किल-बेस्ड या चांस-बेस्ड गेम जिसमें पैसों का दांव लगाया जाता है, भारत में कानूनी रूप से संचालित नहीं हो सकेगा। -
गेमिंग एप डाउनलोड बैन
Google Play Store और Apple App Store को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे सभी एप्स को तुरंत हटा दें। -
बैंकिंग और पेमेंट गेटवे पर रोक
बैंकों और UPI प्लेटफॉर्म्स को आदेश है कि वे इन कंपनियों से जुड़े लेन-देन को तुरंत बंद कर दें। -
सजा और जुर्माना
- गेम चलाने पर: 3 साल की जेल + ₹1 करोड़ जुर्माना
- प्रचार/विज्ञापन पर: 2 साल की जेल + ₹50 लाख जुर्माना
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इन्फ्लुएंसर और सेलेब्रिटी पर कार्रवाई
अगर कोई सेलिब्रिटी या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ऐसे गेम्स का प्रचार करता है, तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी। -
ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा
सरकार ने स्पष्ट किया है कि ई-स्पोर्ट्स (जैसे Free Fire, BGMI, Call of Duty प्रतियोगिताएं) और सोशल गेमिंग को प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार ने यह फैसला क्यों लिया?
- युवाओं की सुरक्षा – लाखों युवा ऑनलाइन गेम्स की लत के शिकार हो रहे थे और कर्ज में फंस रहे थे।
- आर्थिक नुकसान – अनुमान है कि हर साल लगभग ₹20,000 करोड़ का सामाजिक-आर्थिक नुकसान हो रहा था।
- मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा – कई कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी और अवैध लेन-देन के जरिए धन शोधन कर रही थीं।
- विदेशी कंपनियों का दबदबा – विदेशी कंपनियां भारत में नियमों को तोड़कर काम कर रही थीं।
- परिवार और समाज पर असर – कर्ज, झगड़े, मानसिक तनाव और अपराध बढ़ रहे थे।
ऑनलाइन गेमिंग का इतिहास और भारत में विकास
भारत में ऑनलाइन गेमिंग पिछले 10 सालों में तेजी से बढ़ा। 2010 तक जहां सिर्फ साधारण मोबाइल गेम्स खेले जाते थे, वहीं 2016 के बाद स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट ने पूरे सेक्टर को बदल दिया।
- Dream11 जैसी कंपनियों ने फैंटेसी स्पोर्ट्स को लोकप्रिय बनाया।
- MPL और Winzo जैसे प्लेटफॉर्म्स ने स्किल-बेस्ड गेमिंग में पैसे का तड़का लगाया।
- 2023-24 तक भारत में 50 करोड़ से ज्यादा ऑनलाइन गेमर्स हो चुके थे।
लेकिन इसके साथ ही जुए और लत के मामले भी तेजी से बढ़े, जिसके चलते सरकार को सख्त कदम उठाना पड़ा।
अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
भारत अकेला देश नहीं है जिसने रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगाया है।
- चीन – गेमिंग पर सख्त नियम लागू हैं, नाबालिग बच्चों को गेम खेलने के घंटे सीमित हैं।
- सिंगापुर – रियल मनी गेमिंग पर भारी कर और कठोर नियंत्रण।
- यूके – नियमन के जरिए गेमिंग को अनुमति, लेकिन पारदर्शिता और सख्त निगरानी के साथ।
भारत ने चीन की तरह प्रतिबंध का रास्ता चुना है, जबकि उद्योग जगत चाहता था कि सरकार यूके की तरह नियमन करे।
उद्योग और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
- All India Gaming Federation (AIGF) ने कहा कि यह निर्णय भारत को गेमिंग इंडस्ट्री में पीछे धकेल सकता है।
- स्टार्टअप फाउंडर्स का कहना है कि लाखों नौकरियां प्रभावित होंगी और विदेशी निवेशक भारत से दूर हो सकते हैं।
- विशेषज्ञों की राय है कि प्रतिबंध के बजाय नियमन और कर वसूली से सरकार को राजस्व भी मिलता और उद्योग भी चलता।
भारत का गेमिंग बाजार और भविष्य
भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार इस समय $3.7 बिलियन (₹30,000 करोड़) का है। अनुमान था कि 2029 तक यह $9 बिलियन (₹75,000 करोड़) तक पहुंच सकता था।
अब यह विकास रुक जाएगा, लेकिन सरकार का मानना है कि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग इस कमी को पूरा कर सकते हैं।
आम जनता के लिए असर
- खिलाड़ी – पैसे वाले गेम्स अब नहीं खेल पाएंगे।
- रोजगार – गेमिंग कंपनियों में काम करने वालों को नई नौकरियों की तलाश करनी होगी।
- विज्ञापन जगत – सेलेब्रिटी और इन्फ्लुएंसर अब इन गेम्स को प्रमोट नहीं कर पाएंगे।
- निवेशक – रियल मनी गेमिंग स्टार्टअप्स में निवेश ठप हो जाएगा।
डिजिटल इंडिया और गेमिंग का नया दौर
भारत सरकार अब चाहती है कि डिजिटल इंडिया का अगला कदम सुरक्षित ई-स्पोर्ट्स और इनोवेशन पर केंद्रित हो।
- AI और AR आधारित गेम्स को बढ़ावा मिलेगा।
- ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट को ओलंपिक स्तर तक ले जाने की योजना है।
- भारतीय गेमिंग कंपनियों को अब बिना पैसे वाले गेम्स में क्रिएटिविटी दिखानी होगी।
WORLD HEADLINES का निष्कर्ष
भारत सरकार का यह कदम विवादित जरूर है लेकिन युवाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय हित में जरूरी भी माना जा रहा है।
जहां एक ओर यह रियल मनी गेमिंग कंपनियों और खिलाड़ियों के लिए झटका है, वहीं दूसरी ओर ई-स्पोर्ट्स और इनोवेशन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।
आने वाले समय में भारत गेमिंग की दुनिया में एक नए मॉडल को जन्म दे सकता है – जहां मनोरंजन और कौशल तो होगा, लेकिन जुए और आर्थिक बर्बादी की कोई जगह नहीं होगी।


