छह साल बाद फिर से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: जानिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, यात्रा मार्ग और नई व्यवस्थाएं
पहला जत्था 30 जून 2025 को नई दिल्ली से रवाना होने की संभावना है। यह शुरुआत पिछले वर्षों की तुलना में कुछ सप्ताह देर से हो रही है, क्योंकि पहले यात्राएं आमतौर पर जून के पहले सप्ताह में शुरू हो जाया करती थीं। छह साल बाद यात्रा के फिर से शुरू होने से श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का ऐतिहासिक महत्व
कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और बोन परंपरा के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल माने जाते हैं। मान्यता है कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है और मानसरोवर झील का जल स्वयं देवताओं द्वारा स्पर्श किया गया है। इस यात्रा को मोक्षदायक और जीवन का एक पवित्र अनुभव माना जाता है।
भारत और चीन के बीच एक द्विपक्षीय समझौते के तहत इस यात्रा की शुरुआत 1981 में हुई थी। इसके बाद हर साल हजारों भारतीय श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की कठिन लेकिन पवित्र यात्रा पर निकलते रहे हैं। हालांकि, 2020 में कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद चीन सरकार ने यात्रा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष और सीमा पर बढ़े तनाव के चलते यात्रा को दोबारा शुरू नहीं किया जा सका।
यात्रा की बहाली के पीछे का बदलता भू-राजनीतिक परिदृश्य
अक्टूबर 2024 में भारत और चीन के बीच डिसएंगेजमेंट समझौते के बाद सीमा पर तनाव में कमी आई। दोनों देशों ने सैनिकों की वापसी और शांति बहाली के लिए निरंतर संवाद किया। इसी सकारात्मक माहौल में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि कैलाश यात्रा का पुनः आरंभ भारत-चीन संबंधों के सामान्यीकरण का एक बड़ा संकेत है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच वीजा सेवाओं की बहाली, डायरेक्ट फ्लाइट्स की शुरुआत, मीडिया और थिंक टैंक प्रतिनिधियों के आदान-प्रदान जैसी अन्य पहलें भी चर्चा में हैं।
भारत और चीन अपने 75 वर्षों के कूटनीतिक संबंधों का भी उत्सव मना रहे हैं, जिसके तहत कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और पात्रता
कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के लिए आवेदन जल्द ही विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर शुरू होंगे। यात्रा में भाग लेने के लिए कुछ पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- अच्छे स्वास्थ्य की प्रमाणित रिपोर्ट अनिवार्य होगी।
- शारीरिक रूप से कठिन परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम होना आवश्यक है।
यात्रा शुल्क:
यात्रा का खर्च यात्रियों को स्वयं वहन करना होगा, जिसमें यात्रा मार्ग, आवास, भोजन, चिकित्सा सुविधा और यात्रा बीमा शामिल रहेगा। अनुमानित खर्च लगभग ₹1.8 लाख से ₹2.2 लाख तक हो सकता है (विवरण मंत्रालय द्वारा अलग से जारी किया जाएगा)।
यात्रा मार्ग और व्यवस्थाएं
इस वर्ष यात्रा के लिए दो प्रमुख मार्ग प्रस्तावित हैं:
-
लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) मार्ग:
- दिल्ली → अल्मोड़ा → धारचूला → गुंजी → लिपुलेख → तिब्बत में प्रवेश
- यह मार्ग अपेक्षाकृत कठिन है लेकिन अधिक प्रचलित भी है।
-
नाथू ला (सिक्किम) मार्ग:
- दिल्ली → गंगटोक → नाथू ला → तिब्बत में प्रवेश
- यह मार्ग ज्यादा सुविधाजनक और वाहन-आधारित यात्रा के लिए उपयुक्त माना जाता है।
विदेश मंत्रालय और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के सहयोग से यात्रियों के लिए बेहतर आवासीय सुविधाएँ, स्वास्थ्य केंद्र और आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। कठिन परिस्थितियों को देखते हुए विशेष ध्यान चिकित्सा सुविधाओं पर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश
कैलाश मानसरोवर यात्रा अत्यधिक ऊंचाई (4,500 मीटर से अधिक) पर होती है, जहां ऑक्सीजन की कमी, ठंडे मौसम और कठिन चढ़ाई का सामना करना पड़ता है। इस कारण सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से निम्नलिखित तैयारियां करनी होंगी:
- ऊंचाई पर अनुकूलन (Acclimatization) के लिए समय देना।
- नियमित व्यायाम और शारीरिक फिटनेस बनाए रखना।
- यात्रा से पहले पूर्ण मेडिकल चेकअप कराना।
- पर्याप्त ऊनी कपड़े, ऊंचाई पर कार्यरत विशेष जूते और जरूरी दवाइयाँ साथ रखना।
आपातकालीन स्थितियों में भारतीय मिशन और स्थानीय अधिकारी यात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।
भारत-चीन संबंधों में यात्रा का प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः आरंभ भारत और चीन के बीच "ट्रैक-2 डिप्लोमेसी" यानी सामाजिक-सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल धार्मिक आस्था को सम्मान मिलेगा, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों में भी नई ऊर्जा आ सकती है।
पिछले वर्ष कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने रिश्तों को सामान्य बनाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने पर जोर दिया था। कैलाश यात्रा की बहाली उसी दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
आस्था, कूटनीति और उम्मीदों की नई यात्रा
WORLD HEADLINES के अनुसार, कैलाश मानसरोवर यात्रा का फिर से आरंभ श्रद्धालुओं के लिए एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव लेकर आएगा। वहीं, भारत-चीन के कूटनीतिक रिश्तों के संदर्भ में भी यह यात्रा एक सकारात्मक संदेश देती है। छह वर्षों के लंबे अंतराल के बाद हजारों श्रद्धालुओं का सपना फिर से पूरा होने जा रहा है।
अगर आप इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होते ही आवेदन करें। स्वास्थ्य, सुरक्षा और तैयारी के सभी निर्देशों का पालन करें ताकि आपकी यात्रा सफल, सुरक्षित और अविस्मरणीय बने।
WORLD HEADLINES आप सभी श्रद्धालुओं को इस जीवनदायिनी यात्रा के लिए ढेरों शुभकामनाएँ देता है।
WORLD HEADLINES आपके लिए लाता है देश-विदेश की बड़ी खबरें, सबसे पहले, सबसे सटीक।
हमसे जुड़े रहें और अपडेटेड रहें।

