भारत में देशव्यापी मॉक ड्रिल: किसी भी हमले या आपदा से निपटने की अभूतपूर्व तैयारी
WORLD HEADLINES
India Mock Drill 2025: देशभर में हमले से बचाव की तैयारी को परखने का सबसे बड़ा अभ्यास की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार अब बेहद सक्रिय और सतर्क नजर आ रही है। साल 2025 की सबसे बड़ी तैयारियों में से एक—देशव्यापी मॉक ड्रिल—गुरुवार को पूरे भारत में आयोजित की जा रही है। यह मॉक ड्रिल न केवल सैन्य और असैन्य एजेंसियों के बीच तालमेल का परीक्षण करेगी, बल्कि आम नागरिकों को भी आपातकालीन स्थितियों से निपटने की व्यावहारिक जानकारी देगी।
इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि यह मॉक ड्रिल क्यों जरूरी है, इसमें क्या-क्या गतिविधियां होंगी, सरकार का उद्देश्य क्या है, और इससे जुड़े अंतरराष्ट्रीय संकेतों का क्या प्रभाव हो रहा है।
1971 के बाद पहली बार इतनी बड़ी तैयारी
यह मॉक ड्रिल कई मायनों में ऐतिहासिक है। इससे पहले इतने बड़े स्तर की अभ्यासिक तैयारी भारत ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान की थी। मौजूदा समय में जब वैश्विक स्तर पर सुरक्षा स्थितियां अस्थिर बनी हुई हैं—चाहे वो ईरान-इजराइल टकराव हो या रूस-यूक्रेन संघर्ष—भारत के लिए किसी भी आकस्मिक हमले या आपदा के लिए तैयार रहना जरूरी हो गया है।
केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे नागरिक प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन बल (NDRF), सशस्त्र बलों और मेडिकल इमरजेंसी सर्विसेज को समन्वयित करते हुए मॉक ड्रिल आयोजित करें।
क्या है मॉक ड्रिल का उद्देश्य?
सरकार के अनुसार, इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- आपदा प्रबंधन क्षमता का मूल्यांकन: किसी भी तरह की प्राकृतिक या मानवीय आपदा में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया की जांच।
- सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय: पुलिस, सेना, मेडिकल टीम और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान और सामूहिक कार्रवाई की तैयारी।
- आम जनता की सहभागिता: लोगों को जागरूक करना कि अगर कोई आपात स्थिति आती है तो उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
दिल्ली समेत सभी महानगरों में विशेष तैयारी
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी सूरत में आम जनता की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरु जैसे शहरों में इस मॉक ड्रिल को विशेष सतर्कता के साथ अंजाम दिया जाएगा। कई स्थानों पर ब्लैकआउट (अंधकार) की स्थिति बनाई जाएगी ताकि वायु हमले या सायबर हमले की सूरत में बिजली कटने की परिस्थिति में आम जनता की प्रतिक्रिया को परखा जा सके।
आम जनता से क्या अपेक्षा की जा रही है?
सरकार और प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस मॉक ड्रिल को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें। यह पूरी तरह एक अभ्यासिक कवायद है और इसका मकसद किसी को डराना नहीं बल्कि जागरूक करना है। लोगों को सुझाव दिया गया है कि वे:
- ब्लैकआउट के दौरान संयम रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
- सोशल मीडिया पर किसी भी अपुष्ट जानकारी को साझा न करें।
- अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: पाकिस्तान में घबराहट
इस मॉक ड्रिल की खबरें जैसे ही सामने आईं, पाकिस्तान की मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। पाकिस्तानी अखबारों और चैनलों में यह दावा किया जा रहा है कि भारत किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन की तैयारी कर रहा है। हालांकि भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि यह अभ्यास केवल सुरक्षा व्यवस्थाओं को परखने और सुधारने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह घबराहट इस बात का संकेत है कि भारत की तैयारी केवल दिखावटी नहीं, बल्कि व्यावहारिक और गंभीर है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: ‘‘देश को किसी भी आखिरी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के दिनों में कहा था कि भारत अब ‘‘आखिरी लड़ाई’’ के लिए भी तैयार है। उनका यह बयान भारत की रणनीतिक सोच और आत्मनिर्भरता की ओर एक गंभीर संकेत था। मॉक ड्रिल को इसी नीति के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें देश के हर नागरिक को आपातकालीन स्थिति में अपनी भूमिका समझनी होगी।
विशेषज्ञों की राय: यह समय की आवश्यकता है
पूर्व रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि, ‘‘21वीं सदी में युद्ध केवल सीमा पर नहीं लड़े जाते, बल्कि सायबर हमले, आतंकी घटनाएं, जैविक हथियार और आंतरिक अस्थिरता भी आधुनिक युद्ध के हिस्से हैं। ऐसे में मॉक ड्रिल जैसी तैयारियां समय की मांग हैं।’’
भारत तैयार है, और तैयार रहना ही समझदारी है
WORLD HEADLINES की गहन समीक्षा के अनुसार, यह मॉक ड्रिल केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह भारत की दूरदर्शी रणनीतिक सोच का मजबूत उदाहरण है। जब पड़ोसी देशों में राजनीतिक और सैन्य अस्थिरता लगातार बढ़ रही हो और वैश्विक परिदृश्य में हर दिन नए संकट जन्म ले रहे हों, ऐसे में देश के प्रत्येक नागरिक, सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासनिक तंत्र को मिलकर समन्वय और तत्परता के साथ हर चुनौती के लिए तैयार रहना होगा।
यह मॉक ड्रिल हमें यह भी सिखाती है कि आपदा की स्थिति में केवल सरकार नहीं, बल्कि नागरिकों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है।
WORLD HEADLINES इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। जैसे-जैसे नए अपडेट सामने आएंगे, हम आपको तुरंत जानकारी प्रदान करेंगे।

