Make in India 2.0: अब चिप्स भी होंगे भारत में

 भारत की सिलिकॉन क्रांति: जेवर में बनेगा देश का छठा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट

Make in India 2.0: अब चिप्स भी होंगे भारत में

WORLD HEADLINES| 16 मई 2025

“अगर 21वीं सदी तेल पर नहीं, डेटा पर चलेगी, तो सेमीकंडक्टर उसका ईंधन होंगे।”

भारत ने इस सच्चाई को स्वीकार ही नहीं किया, अब उस दिशा में ऐतिहासिक कदम भी बढ़ा दिए हैं। उत्तर प्रदेश के जेवर में देश का छठा सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र स्थापित होने जा रहा है। यह खबर केवल एक नई फैक्ट्री की नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की एक मजबूत घोषणा है।

यह नया प्रोजेक्ट HCL और ताइवान की दिग्गज कंपनी Foxconn के बीच एक संयुक्त उपक्रम (Joint Venture) के रूप में शुरू होगा। इसका उद्देश्य भारत को डिजिटल डिवाइसेज के 'ब्रेन' यानी चिप्स के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना है।


जेवर: अब सिर्फ एयरपोर्ट नहीं, टेक्नोलॉजी हब भी

यह यूनिट यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में विकसित की जाएगी, जो जेवर एयरपोर्ट के पास स्थित है। जेवर अब सिर्फ एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का घर नहीं रहेगा, बल्कि भारत की सिलिकॉन वैली की ओर पहला ठोस कदम भी बन सकता है।

यह संयंत्र विशेष रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स के निर्माण पर केंद्रित होगा, जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी और इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग किए जाते हैं।


सेमीकंडक्टर: आधुनिक तकनीक की धड़कन

सेमीकंडक्टर वे चिप्स हैं जो आपके मोबाइल से लेकर मिसाइल तक, हर स्मार्ट मशीन को 'सोचने' की क्षमता देते हैं। ये माइक्रोस्कोपिक सर्किट्स आज AI, रोबोटिक्स, 5G, मेडिकल टेक्नोलॉजी और स्मार्ट ऑटोमोबाइल्स के केंद्र में हैं।

भारत हर साल 1.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के सेमीकंडक्टर आयात करता है, जिनमें से 38% चीन से आते हैं। यह न केवल आर्थिक नुकसान है, बल्कि रणनीतिक असुरक्षा भी है।


"मेक इन इंडिया" से "चिप इन इंडिया" की ओर

अब तक भारत सेमीकंडक्टर डिज़ाइन में सक्रिय था। भारत में दुनिया के 20% से अधिक चिप डिज़ाइन इंजीनियर काम करते हैं और हर साल लगभग 3,000 ICs डिज़ाइन किए जाते हैं। लेकिन निर्माण के मामले में हम पिछड़े हुए थे।

HCL और Foxconn की यह साझेदारी इस अंतर को खत्म करने की ओर पहला बड़ा कदम है।


सरकार की रणनीति: सेमीकंडक्टर में सुपरपावर बनने का रोडमैप

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र को विकसित करने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं:

1. Semicon India Programme:

बड़ी निर्माण इकाइयों को 50% तक की वित्तीय सहायता। इससे वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश के लिए प्रेरित हो रही हैं।

2. Chips-to-Startup (C2S):

छात्रों और स्टार्टअप्स के लिए स्किल डेवलपमेंट से लेकर डिज़ाइन तक सपोर्ट।

3. SPECS:

इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के स्थानीय निर्माण के लिए प्रोत्साहन।

4. DLI (Design Linked Incentive):

इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन कंपनियों को सहायता।


जेवर प्रोजेक्ट से क्या बदल जाएगा?

  • हज़ारों नई नौकरियाँ: इंजीनियरिंग, तकनीकी और निर्माण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार।
  • स्थानीय निर्माण, तेज़ सप्लाई: स्मार्टफोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक कार और IoT डिवाइस के लिए घरेलू सप्लाई।
  • उद्योगों को मजबूती: मोबाइल, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के लिए चिप्स की लागत घटेगी।
  • नवाचार को बल: घरेलू उत्पादन R&D को गति देगा, जिससे भारत उभरते हुए क्षेत्रों जैसे एआई, ड्रोन, और डिफेंस में तेज़ी से आगे बढ़ सकेगा।

छोटे टेक्नोलॉजी नोड्स: भारत की अगली छलांग

आज की अत्याधुनिक चिप्स 7nm, 5nm, 3nm या 2nm टेक्नोलॉजी से बनती हैं। जितना छोटा नोड, उतना तेज़, ताकतवर और ऊर्जा कुशल चिप।

Foxconn की भागीदारी से उम्मीद है कि भारत अब इन उच्च तकनीकी नोड्स की ओर कदम बढ़ाएगा — जो आज सिर्फ अमेरिका, ताइवान और कोरिया जैसे देशों में बनते हैं।


भविष्य की तस्वीर: चिप्स से आत्मनिर्भरता तक

भारत का सपना सिर्फ आयात घटाने का नहीं है, बल्कि एक पूर्ण सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम खड़ा करने का है:

  • डिज़ाइन से लेकर निर्माण तक
  • पैकेजिंग से लेकर रिसर्च तक
  • शिक्षा से लेकर रोजगार तक

सेमीकंडक्टर एक ऐसा सेक्टर है जो 16 अन्य इंडस्ट्रीज को सपोर्ट करता है। यानी एक चिप फैक्ट्री, एक पूरी टेक इकोनॉमी को जन्म दे सकती है।


भारत के हाथों में अब भविष्य की चाबी

जेवर में बनने वाला सेमीकंडक्टर संयंत्र केवल एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता के सपने की नींव है। इससे आने वाले समय में भारत दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर उपभोक्ता से सेमीकंडक्टर निर्माता और निर्यातक बन सकता है।

2025 को हम भारत की ‘सेमीकंडक्टर क्रांति’ की शुरुआत के वर्ष के रूप में याद रखेंगे।


WORLD HEADLINES के लिए विशेष रिपोर्ट 

आप इस कदम को भारत के भविष्य के लिए कितना महत्वपूर्ण मानते हैं? अपने विचार हमें कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताएं।

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